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Saturday, April 25, 2009

सुभाष काबरा की एक कविता....

ईश्वर के अवतार हुए हैं, बिरजू भैया,
पर कितने लाचार हुए हैं, बिरजू भैया।
होरी के सिरहाने कोरी रात बिताई,
फिर चाहे बीमार हुए हैं, बिरजू भैया।
धनिया की विधवा लड़की का ब्याह कराने,
खेत बेचकर ख्वार हुए हैं, बिरजू भैया।
सुख-दु:ख में सब लोगों के हमराही बनकर,
एक बड़ा परिवार हुए हैं, बिरजू भैया।
ब्राह्मण-क्षत्रि-वैश्य-शूद्र से ऊपर उठकर,
मानव के आकार हुए हैं, बिरजू भैया।
मां-बहनें तो ठीक, गाय-बछिया रोए तो
करूणा की जलधार हुए हैं, बिरजू भैया।
होली और दिवाली हो या ईद-मुहर्रम,
घर-घर के त्यौहार हुए हैं, बिरजू भैया।
बालक, बूढ़े ओ' जवान के दिल में सोई,
जीवन की ललकार हुए हैं, बिरजू भैया।
पर चुनाव में खड़े हुए जब इसी गांव से,
कुछ बदले आसार हुए हैं, बिरजू भैया।
जब चुनाव में जीत गए तो काम भूलकर,
केवल जय-जयकार हुए हैं, बिरजू भैया।
अब सुनते हैं - दिल्ली की संसद में जाकर
मिली-जुली सरकार हुए हैं, बिरजू भैया।
सरकारी शिष्टाचारों में ऐसे डूबे,
पूरे भ्रष्टाचार हुए हैं, बिरजू भैया।
कल कविता थे, कारीगर थे ओ' किसान थे,
किन्तु आज कलदार हुए हैं, बिरजू भैया।
'सत्ता तो उपहार नहीं, उपहास हो गई'
कहने को लाचार हुए हैं, बिरजू भैया।
किन्तु कौन सुनता सत्ता के गलियारे में?
शब्द यहां बेकार हुए हैं, बिरजू भैया।

सुभाष काबरा

Wednesday, April 22, 2009

मुफ्त प्रचार ...

भाई वक्त चुनाव का है, बिना आचारसंहिता के दायरा को पार किए हुए बयानों को मीडिया सुनती ही नही । अब अपने चुनाव में बैनर पोस्टर का दाम बचाना हो प्रचार सामग्री केलिए पैसे कम पड़ गए हों तो चुनाव आयोग ने बहुत अच्छा तरीका निकाल दिया है फ्री के प्रचार का। उदहारण के लिए वरुण गाँधी को हीं ले। वरुण जी का प्रचार मुफ्त में बिल्कुल वैसे ही होगया जैसे नैनो मुनिया की । अब जीत हार तो कहते हैं की भाग्य जाने पर पैसे तो बचे हैं ये स्पष्ट दिखा। सारे नेशनल से रीजनल मीडिया तक उनके पीछे हाथ धोकर पड़ गई की किसी तरह वो मेरे पर लाइव हो जायें, अरे वोतो पी एम् इन वेटिंग आडवानी जी से भी ज्यादा प्रसिद्धि पाए हैं ।
यकीन मानिये अगर इतनी ही प्रसिद्धी किसी अन्य शरीफ वयानदार नेता को पाने की हसरत होती तो करोड़ों रुपये केवल मीडिया मैनेजमेंट में लग जाता। आसन सा काम किया वरुण जी ने अपने भावना को कुछेक सिरफिरे की भावना से मिलाते हुए दो चार शब्द कह दिया। आज इतना हो हल्ला होने के बाद कोर्ट ने कहा की ठीक है सॉरी बोलो घर जाओ। अरे भाई सॉरी ही तो बोलना पड़ेगा अरबों रुपये जो बच गए, देश भर में एक नया हिंदू झंडाबरदार के नाम से मोदी जी के बाद वाले पंक्ति में जोड़ दिए गए।
वरुण जी तो शुरुआत किए थे उसके बाद तो नजाने कितने लोग कोई रोल्लर लेके तो कोई गाली गलौज करके कोई किसीको कुछ तो कोई किसी को कुछ इतना सारा कहा है की उसकी चर्चा मात्र करना भी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। और मुझे तो मुफ्त का प्रचार करना है नही फिर मैं क्यूँ किसीके बात को कह के या दुहरा के खतरा मोल लूँ। हो सकता है मैं प्रत्याशी नही हूँ इसलिए मेरी ये इक्षा न हो पर होते तो जरूर होती। क्योंकि मेरे पास प्रचार के लिए पैसा तो है नही ।
ये तो चुनाव सुधार की दृष्टि से आयोग का अच्छा कदम है की सारे लोगो पर निगरानी रखे हैं पर काश हाथ में सजा देने कीभी शक्ति होती! आज जो जहरीला बोलने का चलन सा बन गया है उसकी वजह यही है की सजा इसके लिए न के बराबर है। गिरफ्तार भी होते हैं तो घंटो के अंदर छोड़ दिए जाते हैं। भाई थोडी सी शक्ति आयोग को भी देनी चाहिए ताकि वो अपने कुसूरवार को ख़ुद सजा दे सके। ...........बाकि जहरीले वक्ताओं को शुभकामना वक्त चुनाओ का है खूब पैसा बचाएं ।

अधिनाथ झा

Tuesday, April 21, 2009

दरवाज़े से रसोई तक जुटाए जा रहे हैं महिला वोट

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नज़दीक आ रहे हैं सियासी मशक्कत भी अपने शबाब पर जा रही है । केन्द्र में भाजपा की सरकार बने इसके लिए पार्टी पूरे जी जान से जुटी हुई है । भाजपा महिला मोर्चा तो वोटरों को रिझाने के अपने अद्भुत फोर्मुले का इस्तेमाल कर रही है । महिला मोर्चा का टारगेट हैं महिला मतदाता और उन्हें मानाने के लिए भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता घर-घर की रसोई में जा कर वहां की महिलाओं से भाजपा के अपील कर रही हैं । हालिया विधान सभा चुनावों में भी भाजपा महिला मोर्चा ने यही फार्मूला अपनाया था जिसे सफलता भी मिली थी ।

अपनी विपक्षी पार्टी के महिला मोर्चे की अपेक्षा भाजपा का मोर्चा कुछ ज्यादा ही आक्रामक नज़र आ रहा है , घर घर की महिलाओं से सीधा संवाद स्थापित करने की पूरी कोशिश की जा रही है वो भी आर्थिक नीति या आतंकवाद जैसे मुद्दों पर नही बल्कि घरेलु समस्याओं से जुड़े मुद्दों पर । भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सीमा सिंह कहती हैं -"पुरुषों के लिए अक्सर महिलाओं के बीच प्रचार करना काफ़ी असहज होता है इसलिए हम स्थानीय महिलाओं को महिलाओं के बीच प्रचार के लिए भेज रहे हैं । लोकसभा चुनावों में अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रही सीमा ने बताया की हमने प्रत्येक पोलिंग बूथ के लिए पाँच-पाँच महिलाओं का समूह बनाया है जो हर दिन दो से तीन घंटे घर घर जा कर महिलाओं से व्यक्तिगत रूप से बात करता है । ऐसी व्यवस्था प्रदेश की सभी २३० विधानसभा क्षेत्रों में की गई है ।

गौर तलब है की पिछले विधानसभा चुनावों में भी भाजपा महिला मोर्चा ने ऐसी ही मुहीम छेडी थी और उसका कहना है की इसी कारण हमें महिलाओं से घुलने मिलने में कोई समस्या नही हो रही । पार्टी का उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना है उनके लिए वो सिर्फ़ वोट बैंक नही हैं । महिला मोर्चा कार्य करता इस बात को भी कह रहे हैं की झुग्गी जैसे आवासों में बहुत खास मतदाता रहते हैं और मोर्चा इन्हे भी छोड़ना नही चाहता। बी पी एल कार्ड, शौचालय आदि यहाँ मुख्या समस्यायें हैं जिनके लिए मोर्चा काम कर रहा है । मोर्चा भले ही झुग्गी मतदाताओं की फिक्र की बात कर रहा हो लेकिन इसी क्रम का एक पहलू ये भी है की भोपाल की ही कुछ झुग्गियों में सियासी दलों को लेकर बेहद आक्रोश है और इनमे से कुछ ने तो अपना घोषणा पत्र तक बना रखा है ।

Friday, April 17, 2009

आई पी एल कार्यक्रम

आई पी एल का आगाज़ बस होने ही वाला है....देखते हैं इसका कार्यक्रम,

18 अप्रैल: मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स (केप टाउन)
18 अप्रैल: राजस्थान रॉयल्स और बंगलौर रॉयल चैलेंजर्स( केप टाउन)__________________________________________________________________
19 अप्रैल: डेल्ही डेयर डेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब (केप टाउन)
19 अप्रैल: डेकन चार्जर्स और कोलकाता नाइट राइडर्स (केप टाउन)__________________________________________________________________
20 अप्रैल: चेन्नई सुपर किंग्स और बंगलौर रॉयल चैलेंजर्स (पोर्ट एलिज़ाबेथ)_________________________________________________________________
21 अप्रैल: राजस्थान रॉयल्स और मुंबई इंडियंस (डरबन)
21 अप्रैल: किंग्स इलेवन पंजाब और कोलकाता नाइट राइडर्स (डरबन)__________________________________________________________________
22 अप्रैल: डेकन चार्जर्स और बंगलौर रॉयल चैलेंजर्स (केप टाउन)__________________________________________________________________
23 अप्रैल: चेन्नई सुपर किंग्स और डेल्ही डेयर डेविल्स (डरबन)
23 अप्रैल: राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स (केप टाउन)__________________________________________________________________
24 अप्रैल: बंगलौर रॉयल चैलेंजर्स और किंग्स इलेवन पंजाब ( डरबन)__________________________________________________________________
25 अप्रैल: डेकन चार्जर्स और मुंबई इंडियंस (डरबन)
25 अप्रैल: चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकता नाइट राइडर्स ( केप टाउन)__________________________________________________________________
26 अप्रैल: बंगलौर रॉयल चैलेन्जर्स और डेल्ही डेयर डेविल्स( पोर्ट एलिज़ाबेथ)
26 अप्रैल: किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स ( केप टाउन)__________________________________________________________________
27 अप्रैल: डेकन चार्जर्स और चेन्नई सुपर किंग्स ( डरबन)
27 अप्रैल: मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स (पोर्ट एलिज़ाबेथ)__________________________________________________________________
28 अप्रैल: डेल्ही डेयर डेविल्स और राजस्थान रॉयल्स ( प्रिटोरिया)__________________________________________________________________
29 अप्रैल: कोलकाता नाइट राइडर्स और बंगलौर रॉयल चैलेन्जर्स (डरबन)
29 अप्रैल: किंग्स इलेवन पंजाब और मुंबई इंडियंस (डरबन)__________________________________________________________________
30 अप्रैल: डेल्ही डेयर डेविल्स और डेकन चार्जर्स ( प्रिटोरिया)
30 अप्रैल: राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स ( प्रिटोरिया)__________________________________________________________________
1 मई: मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स ( ईस्ट लंदन)
1 मई: किंग्स इलेवन पंजाब और बंगलौर रॉयल चैंलेजर्स (डरबन) __________________________________________________________________
2 मई: डेकन चार्जर्स और राजस्थान रॉयल्स ( पोर्ट एलिज़ाबेथ)
2 मई: डेल्ही डेयर डेविल्स और चेन्नई सुपर किंग्स (जोहानसबर्ग)_________________________________________________________________
3 मई: मुंबई इंडियंस और बंगलौर रॉयल चैलेन्जर्स (जोहानसबर्ग)
3 मई: किंग्स इलेवन पंजाब और कोलकाता नाइट राइडर्स (पोर्ट एलिज़ाबेथ)__________________________________________________________________
4 मई: डेकन चार्जर्स और चेन्नई सुपर किंग्स (ईस्ट लंदन)__________________________________________________________________
5 मई: राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब ( डरबन)
5 मई: डेल्ही डेयर डेविल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स (डरबन)__________________________________________________________________6 मई: मुंबई इंडियंस और डेकन चार्जर्स (प्रिटोरिया)__________________________________________________________________
7 मई: बंगलौर रॉयल चैंलेजर्स और राजस्थान रॉयल्स (प्रिटोरिया)
7 मई: किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई सुपर किंग्स ( प्रिटोरिया)__________________________________________________________________
8 मई: डेल्ही डेयर डेविल्स और मुंबई इंडियंस( ईस्ट लंदन)__________________________________________________________________
9 मई: डेकन चार्जर्स और किंग्स इलेवन पंजाब ( किंबरली)
9 मई: राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स (किंबरली)________________________________________________
10 मई: बंगलौर रॉयल चैलेन्जर्स और मुंबई इंडियंस (पोर्ट एलिज़ाबेथ)
10मई: डेल्ही डेयर डेविल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स (जोहानसबर्ग)_________________________________________
11 मई: राजस्थान रॉयल्स और डेकन चार्जर्स (किंबरली)________________________________________________________
12 मई: मुंबई इंडियंस और किंग्स इलेवन पंजाब (प्रिटोरिया)
12 मई: कोलकाता नाइट राइडर्स और बंगलौर रॉयल चैलेन्जर्स (प्रिटोरिया)_________________________________________________________________
13 मई: डेकन चार्जर्स और डेल्ही डेयर डेविल्स (डरबन)__________________________________________________________________
14 मई: बंगलौर रॉयल चैलेन्जर्स और चेन्नई सुपर किंग्स ( डरबन)
14 मई: मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स ( डरबन)_______________________________________________
15 मई: किंग्स इलेवन पंजाब और डेल्ही डेयर डेविल्स (ब्लूमफॉ़न्टेन)____________________________________________
16 मई: चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस ( पोर्ट एलिज़ाबेथ)
16 मई: कोलकाता नाइट राइडर्स और डेकन चार्जर्स ( जोहानसबर्ग)______________________________________________
17 मई: डेकन चार्जर्स और किंग्स इलेवन पंजाब (जोहानसबर्ग)
17 मई: राजस्थान रॉयल्स और डेल्ही डेयर डेविल्स (ब्लूमफॉ़न्टेन)_____________________________________________________
18 मई: कोलकाता नाइट राइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स (प्रिटोरिया)___________________________________________________________
19 मई: बंगलौर रॉयल चैलेन्जर्स और डेल्ही डेयर डेविल्स (जोहानसबर्ग)________________________________________________________________
20 मई: कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स (डरबन)
20 मई: चेन्नई सुपर किंग्स और किंग्स इलेवन पंजाब ( डरबन)__________________________________________________________________
21 मई: मुंबई इंडियंस और डेल्ही डेयर डेविल्स (प्रिटोरिया)
21 मई: डेकन चार्जर्स और बंगलौर रॉयल चैलेन्जर्स (प्रिटोरिया)__________________________________________________________________
22 मई: पहला सेमी फ़ाइनल (प्रिटोरिया)_______________________________________________
23 मई: दूसरा सेमी फ़ाइनल (जोहानसबर्ग)_______________________________________________________
24 मई: फ़ाइनल ( जोहानसबर्ग)

Thursday, April 16, 2009

राज्यवार मतदान प्रतिशत

आज शाम कुछ देर ही पहले चुनाव आयोग ने एक आधिकारिक प्रेस वार्ता में चुनाव के पहले दौर के मतदान के लगभग मतदान प्रतिशत जारी किए....गौर फरमाएं,

  • झारखंड ५०%
  • बिहार ४६%
  • उत्तर प्रदेश ४८-५०%
  • नागालैंड ८४%
  • मेघालय ६५%
  • केरल ६०%
  • आंध्र प्रदेश ६५%
  • अरुणाचल प्रदेश ६२%
  • असम ६२%
  • जम्मू-कश्मीर ४८%
  • महाराष्ट्र ५४%
  • मणिपुर ६६-६८%
  • उडीसा ५३%
  • छत्तीसगढ़ ५१%
  • अंदमान निकोबार ६२%
  • लक्षद्वीप ८६%
  • मिजोरम ५२%

कुल मतदान प्रतिशत रहा ६०% के लगभग

अपील...

साथियों क्षमा चाहता हूँ कुछ बेहद निजी और अपरिहार्य कारणों से पिछले कई दिनों से ब्लॉग जगत से दूर रहा....अब लौटा हूँ तो पुनः वैसा ही बल्कि और ज्यादा सक्रिय रहूँगा....फिलहाल चुनावी श्रृंखला का आगाज़ हो चुका है....और प्रस्तुत है ज़ी न्यूज़ छत्तीसगढ़ में कार्यरत हमारे साथी महेश मेवाडा का आपके नाम संदेश,

प्रिय पाठकों,

आम चुनाव, हमारा चुनाव, हमारे विकास का चुनाव, हमारे अधिकारों का चुनाव, हमारी नीतियों का चुनाव... लेकिन नेताओं के लिए ये सिर्फ कुर्सी का चुनाव है.... साम, दाम,दण्ड और भेद किसी भी नीती से नेताओं के लिए जीतना ही पहली प्राथमिकता है... और उसका जीता जागता उदाहरण हैं आम चुनाव में हो रहा चुनाव प्रचार... हर कोई जहर उगलता नजर आ रहा है.... आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है... और आस्थिरता का दौर भी... मैं इस आम चुनाव में मतदाताओं से यही गुजारिश करना चाहूंगा की चुनाव में बढ़ चढ़कर भाग ले.... और 21 वी सदी के भारत को एक ऐसी सरकार दें... जो किसी की मोहताज न हो... उसमें निर्णय लेने की क्षमता हो... और विकास उसकी प्राथमिकता हो... इसलिए मेरें आदणीय भाग्यविधाताओं इस देश को खंण्तिड जनादेश से बचाएं... और एक निर्णायक सरकार बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें....

आपका मुरीद
महेश मेवाड़ा
जी 24 घंटे छत्तीसगढ़

खुनी चुनाव....नक्सलियों की भारी हिंसा...

भारत में 15वीं लोकसभा के चुनावों के पहले चरण के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच 124 सीटों के लिए मतदान चल रहा है. झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार में कई जगह हिंसक घटनाओं में 21 लोग मारे गए हैं.
इस चरण में भारत के 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अधिकतर जगहों पर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है.
इसके बाद चार अन्य चरणों में मतदान होना है और चुनाव परिणाम 16 मई को सामने आएगा.
झारखंड में कई घटनाएँ
झारखंड के चतरा में एक बारूदी सुरंग के विस्फोट में सात सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं. बीबीसी संवाददाता सलमान रावी के अनुसार झारखंड के खुंटी लोकसभा क्षेत्र के रनिया इलाक़े में एक मतदान केंद्र पर नक्सली हमले में भी सुरक्षाबलों का एक जवान मारा गया है.
चुनाव 2009: बीबीसी विशेष
उन्होंने बताया है कि पलामु लोकसभा चुनाव क्षेत्र में लातेहार में एक बारूदी सुरंग का विस्फोट हुआ जिसमें अर्धसैनिक बलों के छह जवान मारे गए हैं.
संदिग्ध माओवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया और इसके बाद वहाँ सुरक्षाकर्मियों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है.
छत्तीसगढ़ में हिसा
मतदान के बीच कई जगह नक्सली हिंसा हुई
उधर छत्तीसगढ़ के उपपुलिस महानिरीक्षक पवन देव का कहना है कि राज्य के राजनांदगांव में माओवादियों ने चुनाव दल की एक गाड़ी को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया है जिसमें पांच सुरक्षाकर्मी कर्मचारी मारे गए हैं.
बीबीसी संवाददाता फ़ैसल मोहम्मद अली के अनुसार छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में माओवादी हमले में एक सीआरपीएफ़ जवान मारा गया और छह घायल हो गए. बस्तर के भी कुछ इलाक़ों से हिंसा की ख़बरें आई हैं.
बिहार में गया में हिंसा
बिहार से बीबीसी संवाददाता मणिकांत ठाकुर ने बताया है कि गया में बांकेपुर थाना क्षेत्र में माओवादियों ने हमला कर एक पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड की हत्या कर दी है.
मणिकांत ठाकुर के अनुसार बिहार पुलिस के प्रवक्ता का कहना है कि संवेदनशील क्षेत्रों में बारूदी सुरंगें हटाने के लिए 50 पार्टियाँ और कई हेलिकॉप्टरों को संवेदनशील इलाक़ों में सक्रिय किया गया है.
बिहार में हाल की नक्सली गतिविधियों के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विकास वैभव ने कहा था कि पूर्वी बिहार के इलाक़ों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनाक किए गए हैं.
लालू, जोशी, रेणुका का भाग्य तय होगा
इस चरण में जिन बड़े नेताओं के भाग्य का फ़ैसला होना है उनमें राष्ट्रीय जनता दल नेता लालू प्रसाद यादव और भारतीय जनता पार्टी के मुरली मनोहर जोशी शामिल हैं.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में सुबह सुस्त गति से, छत्तीसगढ़ में उत्साह के साथ मतदान हुआ
तेलंगाना राष्ट्र समिति चंद्रशेकर राव, कांग्रेस की रेणुका चौधरी, अभिनेत्री विजयाशांति, एनटीआर की पुत्री डी पुरंदेश्वरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री बंडारु दत्तात्रेय के नाम भी उन नेताओं की सूची में शामिल हैं जिनके चुनाव क्षेत्रों में इसी चरण में मतदान हो रहा है.
पहले चरण में केरल की सभी 20 सीटों, छत्तीसगढ़ की 11 और मेघालय तथा अरुणाचल की दो-दो सीटों के लिए मतदान हो रहा है डाले जा रहे है.
बिहार की 40 में से 13, उत्तर प्रदेश की 80 में से 16, महाराष्ट्र की 48 में से 13, आंध्र प्रदेश की 42 में से 22, झारखंड की 14 में से छह और उड़ीसा की 21 में से 10 सीटों के लिए भी मतदान चल रहा है.
पूर्वोत्तर में असम की 14 में से तीन और मणिपुर की दो में से एक सीट के लिए वोट डाले जा रहे हैं और भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर की छह में से एक सीट के लिए भी मतदान हो रहा है. इसी चरण में अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप, मिजोरम और नगालैंड की एक एक लोकसभा सीट के लिए भी वोट डाले जा रहे हैं.
इस चरण में लालू, मुरली मनोहर जोशी और चंद्रशेखर राव के भाग्य का भी फ़ैसला होगा
गुरुवार को ही आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में विधानसभा चुनावों के लिए भी मतदान हो रहा है. आंध्र प्रदेश की 294 में से 154 विधानसभा सीटों और उड़ीसा की 147 में से 70 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण में वोट डाले जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश, आंध्र में कड़ी सुरक्षा
पूर्वी उत्तर प्रदेश, विशेष तौर पर वाराणसी के आसपास ख़ासी सुरक्षा के बीच मतदान चल रहा है. वाराणसी से बीबीसी संवाददाता पाणिनी आनंद ने बताया है कि वहाँ 103 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र हैं और सुरक्षाबलों के 132 मोबाइल दस्ते पूरे वाराणसी की गश्त लगा रहे हैं.
उन्होंने बताया है कि रोहतास में बुधवार नक्सली हमले के बाद चंदौली में भारी सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके.
आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में भी नक्सल प्रभाव को देखते हुए कड़े इंतज़ाम किए गए हैं.
आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एके मोहंती ने बीबीसी को बताया है, ''हमने शांतिपूर्वक चुनाव कराने के लिए हरसंभव उपाय किए हैं और चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.''
(सौजन्य: बी बी सी हिन्दी)

Tuesday, April 14, 2009

बाबा साहब अमर रहे ...



"अव्वल अल्लाह नूर उपाय कुदरत के सब बन्दे
एक नूर से सब जग उपजा कौन भले को मन्दे"

आज १४ अप्रैल मतलब आंबेडकर जयंती पर केव्स संचार बाबा साहब को श्रृद्धांजलि देता है ...भले ही महापुरुष आज सियासी लोगों की बपौती बन गए हों लेकिन आम जन के लिए वे आज भी बहुत प्रेरणाप्रद हैं , जैसे की अपने इन उद्गारों के साथ बाबा साहब -

"जो पीढी अपने इतिहास पर गर्व की अनुभूति नही रखती , वो अपने इतिहास का निर्माण कभी नही कर सकती ..."

मंदी का दौर...

दौर-ऐ-मंदी तुझसे हम इस तरह डरने लगे
नौकरी को आए थे , इन्टर्न शिप करने लगे

कवि हिम

Tuesday, April 7, 2009

इराक़ का मशहूर खेल अब भारत में....पहला ब्लॉग विडियो !

आज इराकी खेल भारत में भी खेला गया, बस खिलाडी बदल गए......एक आप भी देखें की कौन कौन खिलाडी रहे इस खेल के

दरअसल हुआ यह कि दैनिक जारण के पत्रकार जरनैल सिंह ने गृह मंत्री से ८४ के सिख दंगों में जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल पूछा था जिस पर गृह मंत्री ने जवाब देने से मना कर दिया....इस पर व्यथित जरनैल सिंह ने उन पर जूतास्त्र से प्रहार कर दिया......अब सवाल यह है कि जरनैल भाई ने ग़लत किया हम मान लेते हैं पर अब सी बी आई से जुडा सवाल क्या वित्त मंत्री से पूछा जायेगा.....?(मतलब गृह मंत्री से ही पूछा गया ना तो उन्होंने जवाब क्यूँ नहीं दिया?)

बाकी बातें छोड़ दें पर जिस तरह से टाइटलर को क्लीन चिट दी गई उस मामले को न तो मीडिया ने जगह दी और ना ही बाकी दलों ने उस पर शोर मचाया .....ऐसे में जरनैल सिंह के जूते ने कम से कम ख़बर और मुद्दा दोनों उछाल तो दिए ही हैं....... ज़ाहिर है ये दंगों का दंश भोग चुके लोगों की सर्वसामान्य हताशा है !

Monday, April 6, 2009

आख़िर लॉन्च हुआ ज़ी न्यूज़ उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड !



कल शाम बजे औपचारिक रूप से ज़ी न्यूज़ के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चैनल की शुरुआत कर दी गई। दरअसल यह ख़बर ज्यादा नहीं फ़ैल पायी पर कल अप्रत्याशित रूप से इस चैनल का लॉन्च कर दिया गया। ज्ञात हो की ज़ी न्यूज़ का यह बहुप्रतीक्षित चैनल बहुत दिनों से पाइप लाइन में था पर इसका लॉन्च टलता जा रहा था। कल शाम ७ बजे ज़ी न्यूज़ ने अपने स्टार एंकर पुण्य प्रसून बाजपेयी से इसका पहला बुलेटिन लॉन्च कराया, इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई बड़े नेता लाइव रहे और यह कार्यक्रम प्रसून जी के साथ करीब तीन घंटे लगातार चला। कार्यक्रम में ज़ी न्यूज़ के प्रधान सम्पादक सतीश के सिंह और ज़ी उत्तर प्रदेश के सम्पादक वासिन्द्र मिश्रा भी दर्शकों से रूबरू हुए। प्रसून जी के चुटीले अंदाज़ ने वाकई पहले बुलेटिन का तो समा बाँध दिया पर आगे इसका भविष्य देखना है। इस चैनल के ग्राफिक्स और ले आउट भी प्रभावशाली हैं, मोंटेज में रूमी दरवाज़ा और ताजमहल दिखते हैं......इसके प्रोमो में भी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड की मिटटी की खुशबू की बात की गई है। चैनल के हेड ज़ी न्यूज़ के पूर्व आउट पुट हेड संजय पांडे और सम्पादक ज़ी के पूर्व उत्तर प्रदेश के ब्यूरो प्रमुख वासिन्द्र मिश्रा हैं। चैनल में हमारे दृश्य श्रव्य अध्ययन केन्द्र के भी कई पूर्व एवं वर्तमान विद्यार्थी यानी कि अपने सीनिअर, साथी और जूनियर भी टीम के सदस्य हैं, उन सभी को उनके व चैनल के सुनहरे भविष्य की शुभकामनाएं......!

Sunday, April 5, 2009

चुनाव के दिन - त्रिलोचन

जल्द ही हम अपनी चुनावी श्रृंखला शुरू करने वाले हैं जिसके लिए हमें कई नाम सुझाए गए हैं जिन्हें हम कल प्रकाशित करेंगे, फिलहाल माहौल बनाने के लिए पढ़ें त्रिलोचन की यह कविता,

चुनाव के दिन

इलायची में बसा हुआ रूमाल लगाया
आँखों पर कि बह चले आँसू; और साथ ही
नाम किसान मजूर का लिया, और हाथ ही
नया दिखाया नेता ने, स्वर नया जगाया

उसी पुराने गले से, चकित थे सब श्रोता
कैसे शेर बन गया बिल्ली, कौन बात थी ।
आज नहीं कुछ दिन पहले किसकी बिसात थी
इससे बातें करता, समय नहीं है, होता

बना बनाया उत्तर, और काम पड़ने पर
बोला करती थी उसकी ओर से गोलियाँ
बिछ जाती थीं एक दो नहीं कई टोलियाँ
आज चिरौरी करता है घोड़ा अड़ने पर

ये चुनाव के दिन हैं नाटक और तमाशे
नए नए होंगे, ठनकेंगे ढोलक, ताशे ।

Saturday, April 4, 2009

१८५७ क्रान्ति सच या मिथक

१८५७ स्वंत्रता संग्राम में भारतीय समाज के दो प्रमुख समुदाय हिन्दुओ और मुस्लिमो के मध्य अभूतपूर्व एकता स्थापित हुई थी और प्रमुख रूप से किसानो ने स्वंत्रता संग्राम में अपनी चेतना को उभारा था जो पूरी तरीके साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ ही थी लेकिन किसानो की इस संगठित आवाज को कुछ सियासी लम्बरदारो ने झुटलाकर अपनी सियाशी रोटिया सेकीऔर इन लम्बरदारो का मकसद काफ़ी समय तक अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए केवल भारतीय जनमानस के मन में विभेदकारी भावनाए जीवित करके अपने आने वाली पीढी के बीच वैमनस्यता के बीज बोंना ही दिखायी पड़ता है देश की प्रमुख पार्टिया जिनका जन्म निषेधकारी नीति पर हुआ है ,स्वंत्रता संग्राम को जनमानस में आदर्श के रूप में तो करते है लेकिन इसके पीछे शायद इनका लक्ष्य समाज में अधिक से अधिक वैम्न्यस्ता के बीज बोना ही होता है जिसके भयावह चेहरे हम बार बार दंगो के रूप में झेलते रहे है१८५७ विद्रोह की शुरुआत तो सैनिको से हुई लेकिन यह बात न जाने क्यो छिप जाता है की वे सैनिक वास्तव में कौन थे ?वास्तविकता में वे कोई और नही "किसान-पुत्र "ही थे जो साम्राज्यवादी शोषण के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए आगे आए थे इन किसान पुत्रो ने ही आज़ादी की ऐसी बिगुल बजाई थी जिससे साम्राज्यवादी शासन की नींव हिल गई थी वास्तव में स्वंत्रता संग्राम में जितना उस समय के नवाबो ने अपने प्राण की आहुति देकर नारा बुलंद किया था जिसे हम बहादुरशाह शाह ज़फर के नाम से जानते हैं /उनके वंशज आज रिक्शा चलने को मजबूर हैं /वही दूसरी तरफ़ उस समय के गद्दारों के वंशज आज राजपाट चला रहे हैं /ये गद्दार आज चुनाव तंत्र में शहीदों के नाम पर वोट मांगते हैं /जिसे भारतीय जनमानस को समझना होगा /एक वोट कीमती हैं गद्दारों को उनकी जगह दिखाने को और सही मायने में शहीदों को स्थापित कर पाने के लिए / इसीलिए जनमानस कर्म करे इन्कलाब आएगा /कहते हैं एक पत्थर काफ़ी हैं आसमा में सुराग करने को.........जारी रहेगा /

Friday, April 3, 2009

चुनावी घोषणा पत्र वाकई चुनावी है...विडियो भी देखें !

भारतीय जनता पार्टी ने आज अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया, इसे वैसे एक तरह से भाजपा के १९९८ के घोषणा पत्र का कॉपी पेस्ट भी कह सकते हैं पर मानना पड़ेगा की चुनावी घोषणा पत्र वाकई चुनावी है....हमेशा की तरह इस बार भी चुनाव आते ही भाजपा को राम याद आ गए हैं, मतलब हारे को हरिनाम ! संक्षिप्त विवरण आज गहन समीक्षा कल ......

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को हर महीने 35 किलो अनाज मात्र दो रुपए किलो दाम पर देने का वादा किया है.
शुक्रवार को नई दिल्ली में पार्टी का घोषणापत्र जारी किया गया जो सुशासन, विकास और सुरक्षा के इर्द-गिर्द घूमता है.
देखें ऐ एन आई


पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लाल कृष्ण आडवाणी ने इन वादों को पूरा करने का संकल्प लिया.

घोषणापत्र जारी करने के अवसर पर लाल कृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के सभी बड़े नेता एक साथ मंच मौजूद थे. रामनवमी के दिन अपने घोषणापत्र को जारी करने को शुभ मानते हुए आडवाणी ने कहा कि पार्टी राम मंदिर और रामसेतु के लिए प्रतिबद्ध है.

अपने चुनाव घोषणापत्र में भाजपा ने आतंकवाद से कड़ाई से निपटने के लिए पोटा जैसा कड़ा कानून लागू करने का भी वादा किया है.

इसके अलावा अलगाववादियों को विदेशों से मिलने वाली मदद का पता लगाकर उस रास्ते को बंद करने की बात कही गई है.



माओवादियों का सफ़ाया

सत्ता में आने पर तीन लाख रुपए तक की आय को करमुक्त करने की बात कही गई है. महिलाओं के लिए ये सीमा साढ़े तीन लाख रुपए सालाना होगी. पार्टी का कहना है कि इससे साढ़े तीन करोड़ महिलाओं को लाभ पहुँचेगा.


"महिलाओं के साढ़े तीन लाख तक के वेतन को आयकर से मुक्त कर दिया जाएगा."

भाजपा ने विदेशी बैंकों में जमा भारतीय धन का पता लगाने पर ज़ोर देते हुए कहा कि इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे और उस धन को वापस लाकर देश के कल्याण पर खर्च किया जाएगा.

घोषणापत्र में अवैध आप्रवासियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर करने और बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का काम त्वरित गति से करने का भी वादा किया गया है.

इसके अलावा माओवादियों का सफ़ाया करने के लिए छत्तीसगढ़ के मॉडल का इस्तेमाल करने की बात भी कही गई है.

घोषणापत्र में अर्धसैन्य और सैन्य बलों के जवानों को आयकर से मुक्त करने, बेहतर वेतन संरचना बनाने और पूर्व सैनिकों का पुनर्वास करने का भरोसा दिलाया गया है.

महिला सशक्तिकरण

पार्टी का कहना है कि वह मध्यप्रदेश में लोकप्रिय लाडली लक्ष्मी कार्यक्रम को पूरे देश में लागू करना चाहती है जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे प्रत्येक महिला को बैंक खाते खोलने के लिए डेढ़ हज़ार रुपए और स्कूल जाने वाली सभी बालिकाओं को मुफ़्त साइकिल दी जाएगी.


"गरीब छात्राओं को साइकिल मुफ़्त में दी जाएगी."



भारतीय जनता पार्टी ने कंप्यूटर के दामों में भारी कटौती करने और पाँच वर्षों में सभी शैक्षिक संस्थानों में इंटरनेट लाने की भी घोषणा की है.

खेलों के आधारभूत ढांचे के लिए पार्टी पाँच हज़ार करोड़ रुपए की परियोजना बनाने की बात कह रही है जबकि विद्यालय पाठ्यक्रम में खेल का विषय अनिवार्य रूप से लागू करने की बात भी घोषणापत्र में है.

भाजपा ने वरिष्ठ नागरिकों को भी अपने घोषणापत्र में स्थान दिया है और रेल यात्रा में छूट देने की उम्र 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष करने का बात कही है. इसके अलावा उनकी पेंशन को पूरी तरह से आयकर मुक्त करने की बात कही है.

(साभार : बी बी सी हिन्दी)

भये प्रगट कृपाला .....

आज रामनवमी के पावन अवसर पर आप सबके लिए विशेष भेंट......

भये प्रगट कृपाला

(यह उद्धरण गोस्वामी तुलसीदास श्री रामचरितमानस में राम जन्म के समय देते हैं, इसे सुने और अर्थ भाव देखें)
वास्तविक उद्धरण
(समय काल वर्णन)
चौ०-नौमी तिथि मधु मास पुनीता। सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता॥
मध्यदिवस अति सीत न घामा। पावन काल लोक बिश्रामा॥१॥
सीतल मंद सुरभि बह बाऊ। हरषित सुर संतन मन चाऊ॥
बन कुसुमित गिरिगन मनिआरा। स्रवहिं सकल सरिताऽमृतधारा॥२॥
सो अवसर बिरंचि जब जाना। चले सकल सुर साजि बिमाना॥
गगन बिमल संकुल सुर जूथा। गावहिं गुन गंधर्ब बरूथा॥३॥
बरषहिं सुमन सुअंजलि साजी। गहगहि गगन दुंदुभी बाजी॥
अस्तुति करहिं नाग मुनि देवा। बहुबिधि लावहिं निज निज सेवा॥४॥
दो०-सुर समूह बिनती करि पहुँचे निज निज धाम।
जगनिवास प्रभु प्रगटे अखिल लोक बिश्राम॥१९१॥
(जन्म)
छं०-भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी॥
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी।
भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी॥१॥
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता।
माया गुन ग्यानातीत अमाना बेद पुरान भनंता॥
करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता।
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयउ प्रगट श्रीकंता॥२॥
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै।
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै॥
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै।
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै॥३॥
माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा।
कीजै सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा॥
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा।
यह चरित जे गावहिं हरिपद पावहिं ते न परहिं भवकूपा॥४॥
दो०-बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार।
निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार॥१९२॥
श्री राम स्तुति

Wednesday, April 1, 2009

पब्लिक का अप्रैल फूल !

(लोकसभा चुनाव पर हमारे विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के साथी अधिनाथ ने कुछ विचार भेजे हैं पढ़ें)
वर्तमान समय में जो राजनीतिक स्थिति है उसमे कोई भी दल चुनाव बाद सरकार बनाने की स्थिति में नजर नही आ रहा है ,जाहिर सी बात है सरकार गठबंधन की ही होगी परन्तु हमे यह भी नही भूलना चाहिए कि अगर कोई गठबंधन भी सरकार बनाने में असमर्थ रहा तब क्या होगा ?
कुछ नही होगा वो ही होगा जो मंजूरे खुदा होगा, पब्लिक मूर्ख बन जायेगी, अप्रैल फूल हो जाएगा। यह अप्रैल फूल बड़ा खर्चीला होगा, अरबों रुपए बह चुके होंगे फिर बहाने की बात की जायेगी एक दूसरे पे ठीकरा फोड़ा जावेगा। गरीबी और बढ़ जायेगी, जनता वही जो सबकुछ जानकर भी कुछ न जानता हो की स्थिति में बैठी रहेगी। भाई होने तो यही जा रहा है, अब एक बार नजर दौडाइए -
एन.डी.ऐ जो है जिसके कर्ता धर्ता भाजपा वाले हैं वो अभी की स्थिति से मजबूत होगी यह तय है, लेकिन सरकार बनाने के लायक सीटें नही ला पायेगी यह भी तय है, ठीक उसी तरह यू पी ऐ जिसके कर्ता धर्ता कांग्रेस वाले हैं का कई दलों के साथ सांठ गांठ करके वर्त्तमान सत्र तो पूरा हुआ पर आगे भी ऐसा वे कर पाए यह लगता नही है , देखिये संकटमोचन अमर की पार्टी से लेकर लालू रामविलास तक फूट चुके हैं वैसे रहते भी तो कुछ खास कर नही पाते क्योंकि इस बार वो वाला रूतबा इन सब का है नही । अब बचा थर्ड फ्रंट भाई इसका तो पहले से ही तय लग रहा है कि जीतने के बाद विपक्ष में अलग अलग न बैठना पडे इसलिए पहले से ही योजना बना के विपक्ष में बैठा जाए यह सोंच के यह गठबंधन बना है ऐसा लगता है। फिर ऐसे में कैसे न कहा जाए की यह अप्रैल फूल बनाने की यजना है।
(अधिनाथ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल में विज्ञापन एवं जनसंपर्क में परास्नातक के छात्र हैं और सामयिक विषयों पर लिखने में गहरी रूचि रखते हैं)

गूगल बाबा का वरदान - हिन्दी टंकण औजार

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