संस्कृति विभाग के राहुल सिंह जी ने पिछले दिनों एक घटना पर ध्यानाकर्षित करवाया। एक कोई दबी कुचली सी लेखिका हैं लक्ष्मी शरथ। इन्होंने छत्तीसगढ़ की महिलाओं के छत्तीस पति होने जैसी टिप्पणी अपने एक लेख में की है। और इसे एक कहानी के रूप में चटखारे लेकर बतलाया है, जिसमें एक कोई टोप्पो और दूसरा कोई मुमताज आपस में चर्चा कर रहे थे। इसके बाद से जब मैंने इस लेखिका से बात की तो यह बड़ी बदमिजाज निकली। इतना ही नहीं डरी हुई भी निकली। अब यह कह रही है कि मुझे तो पर्यटन वालों ने बुलाया था। इस इश्यू को मैं मीडिया में नहीं लाना चाहता। चूंकि इससे होगा सो होगा किंतु इस दबी कुचली लेखिका को जरूर एकाध पहचान मिल जाएगी।
क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो बिना मीडिया में आए इसके खिलाफ केस दर्ज करवाए? और शेष मीडिया से भी मेरी अपील है कि वह इस घटना को छापे भी तो इसमें अपनी एक लाइन साफ करते हुए छापे कि हम लेखिका कौन है यह नहीं बताएंगे। इससे विवादों के सहारे संवाद करने वाले गैर जिम्मेदार लोगों की फेहरिश्त बढ़ेगी। अगर कोई ऐसा करना चाहता है तो वह शीघ्र करे।
- सखाजी
bilkul sahi kaha hai aapne.
ReplyDeletelakshmi ji ko thoda charchaon me to aane den .badnam bhi huye to kya nam to huaa -jaisi ukti me vishvas karne vale aise lekhak jyada din nahi tikte .sarthak aalekh .aabhar
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