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Tuesday, July 10, 2012
फिल्म एक था टाइगर में आईएसआई और रॉ की तुलना गलत
सलमान खान की नई फिल्म एक था टाइगर पाकिस्तान में आईएसआई के नाम को इस्तेमाल करने पर बैन हो गई है। दूर से जरूर ऐसा लगता है कि यह पाकिस्तान का हठवादी फैसला है, किंतु जरा करीब जाइए तो लगेगा वास्तव में ऐसा ही फैसला तो भारत को भी लेना चाहिए। यह कैसी बात है कि पाकिस्तान की आईएसआई और भारत की रॉ को एक ही जैसा मान लिया गया और किसी को एतराज तक नहीं हुआ। फिल्म के ट्रेलर में एक वाइस ओवर में कहा गया है पिछल 65 सालों में भारत पाकिस्तान के बीच 4 जंगों हो चुकी हैं, और इनके नतीजे भी सभी को पता हैं। किंतु पाकिस्तान की आईएसआई और भारत की रॉ ऐसी एजेंसियां हैं तो हर घंटे जंगों लड़ा करती हैं।
इस बात पर भारत सरकार को कड़ा ऐतराज होना चाहिए। दरअसल फिल्म का यह डायलॉग साबित करता है कि भारत की रॉ एजेंसी भी आईएसआई की तरह ही आतंकवाद को बढ़ावा देने में मदद करती है। रॉ जैसी प्रतिष्ठित स्वरक्षा के लिए जासूसी करने वाली एजेंसी पर यह आरोप सरासर गलत कहने वाले भारत में ही ऐसी फिल्में चालाकी से ऐसा कर जाती हैं।
सलमान खान उत्साहित फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। भीड़ इकट्ठा करने के लिए माने जाते हैं, एक अच्छे कलाकार हैं। किंतु चुपके से इस तरह का इंजेक्शन भारतीय मानुष में लगा देना बिल्कुल ही गलत है। इस बात पर जंू तक नहीं रेंगा लोगों के सिर पर, कि फिल्म ने कितनी ही चालाकी से यह साबित कर दिया कि रॉ और आईएसआई में कोई फर्क नहीं। आईएसआई मुल्ला परस्ती के साये में आतंक और सिर्फ भारत के खिलाफ आतंक फैलाने में सहायक होती है। यह बात कई आतंकियों के पकड़े जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर भी साबित हो चुकी है। किंतु रॉ के बारे में पाकिस्तान ऐसे कई मिथ्या प्रयास कर चुका है, साबित नहीं कर पाया। एक अदद फिल्म ऐसा कहकर करने जा रही है और हम हैं कि चुप बैठे हैं।
- वरुण के सखाजी
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सलमान की फिल्म पर भारत सरकार ऐसा फैसला लेती तो उसकी सेकुलरता खतरे में नहीं पड़ जाती ?
ReplyDeleteयहाँ रा की ईमेज से सरकार की सेकुलर इमेज ज्यादा बड़ी जो है !!
रतन सिंह जी सही फरमाया आपने। किंतु यहां बिल्कुल भी मामला सेकुलरिज्म का नहीं। और तो और सलमान का भी नहीं है, बात तो निर्देशक पर हो रही है।
Deleteभाई साहब । एक था टाइगर को पाकिस्तान में बैन कर दिए जाने पर हिन्दुस्तान का एक बहुत बड़ा तबका इसे सिर आंखों पर उठा लेगा । कहां पाकिस्तान जैसी छोटी सी फिल्म मार्किट और कहां हिन्दुस्तान में फिल्म हिट होने की गारंटी । जानम समझा करो ।
ReplyDeleteमहीप जी ने वास्तव में फिल्मी बाजार की तकनीकी बात कही है।
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