नूनं हि ते कविवरा विपरीत वाचोये नित्यमाहुरबला इति कामिनीनाम् ।
याभिर्विलालतर तारकदृष्टिपातैःशक्रायिऽपि विजितास्त्वबलाः कथं ताः
"जो कवि सुंदर स्त्री को अबला मानते हैं उनको तो विपरीत बुद्धि का माना जाना चाहिए। जिन स्त्रियों ने अपने तीक्ष्ण दृष्टि से देवताओं तक को परास्त कर दिया उनको अबला कैसे माना जा सकता है।"
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