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Monday, July 28, 2008

गौर फरमाएं !

ख़बरों का जाने कौन सा मेयार हो गया
कितने अजीब ढंग का अखबार हो गया
उसूलों की अहमियत से इंकार नही है
ज़्यादा अहम लेकिन यहाँ बाज़ार हो गया ...............'हिम लखनवी'

मेयार = मापदंड

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