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Monday, September 7, 2009
राजे का हठ
पार्टी हाईकमान के निर्देशों को जिस तरह से वसुंधरा राजे अनदेखा कर रही है उससे भाजपा की संरचनात्मक कमिया व दुर्बलता सामने आई है। मानो पार्टी के विचार व पॉलिसी रुपी शिवधनुस को तोड़ते हुए शीर्ष नेताओ के निर्देश रुपी परुशराम को वो "इएहा कुम्हड़बतिया कूऊ नाही "वाली बात कह रही हो और साबित कर रही हो की राजस्थान में भाजपा की पुरी जिम्मेदारी को अकेले केन्द्रीय रूप में रहकर करना चाहती है। अर्थात हनुमान के निष्कासन के बाद लक्ष्मण के हठ से भी भाजपा को निपटना होगा ।
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