आन्ध्र प्रदेश के करिश्माई नेता राजशेखर रेड्डी की मौत से सभी सकते में है.... इस बात की किसी को उम्मीद नही थी , आन्ध्र का यह लोकप्रिय नेता एक विमान दुर्घटना में मारा जाएगा... उनकी मौत के बाद आन्ध्र प्रदेश में नया नेता चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है... राजनीती कितने घटिया स्तर पर पहुच चुकी है अगर इसकी बानगी आपको देखनी है तो बीते कुछ दिनों से आन्ध्र प्रदेश में जो हो रहा है वह यह बताने के लिए काफ़ी है... हमारे देश के नेता आज किसी तरह से कुर्सी पाना चाहते है... उनमे सब्र नाम की कोई चीज ही नही है... बीते दिनों आन्ध्र में जो कुछ हुआ वह इस घटिया स्तर को बताने के लिए काफ़ी है... जहाँ एक ओर राजकीय शोक चल रहा था वही दूसरी ओर आन्ध्र के नेता दस जनपद पर डोरे डालने में पीछे नही थे.... हद हो गई ... यार... राज्य के मुख्यमंत्री की विमान दुर्घटना में मौत हो गई और वहां के नेता नया मुख्यमंत्री चुनने की तैयारी करने लगे... इस वाकये ने दिखा दिया आज सभी नेता कुर्सी पाने के लिए लालायित रहते है...नए मुख्यमंत्री के लिए कई नाम इस समय कांग्रेस में चल रहे है... जहाँ राज्य के विधायको का एक तबका राजशेखर के बेटे जगन्नमोहन को सी ऍम बनाना चाहता है वही कुछ कांग्रेस के दस जनपद के करीबी मानते है इस समय किसी अनुभवी मंत्री को सी ऍम बनाने की जरुरत है... कांग्रेस में कुछ नेता यह भी मान रहे है अभी कुछ महीनो तक नए नेता के तौर पर किसी की ताजपोशी नही कीजानी चाहिए... जहाँ तक राजशेखर के बेटे का सवाल है तो वह इसी बार सांसद चुनकर आए है..... लिहाजा उनका दावा मजबूत नजर नही आ रहा ... सी ऍम की रेस में राज्य के वित्त मंत्री के रोशैय्या अभी भी आगे बने हुए है... उनका प्लस पॉइंट यह है राजशेखर के साथ उन्होंने लंबे समय से काम किया है साथ ही राजनीती के मैदान का भरपूर अनुभव उनको है.... वही राजशेखर के बेटे को अभी राजनीती की समझ नही है... ऐसे में उनके लिए मुश्किलें तेज हो सकती है ... हालाँकि १०० से ऊपर विधायको का समर्थन उनको उपलब्ध हो जाएगा... पर इस समय कांग्रेस की सबसे बड़ी दुविधा यह है अगर उन्होंने राजशेखर के बेटे का सी ऍम के रूप में आगे कर दिया तो विपक्षी एक बार फिर इस बात को लेकर मुखर हो जायेंगे , कांग्रेस में वंशवाद की अमरबेल फिर से विकसित रही है... अतः यह सब देखते हुए कांग्रेस को फूक फूक कर कदम रखने की जरुरत है...... नया सी ऍम कौन होगा इसकी चाभी सोनिया के पास रहेगी..... सोनिया को यह ध्यान रखना होगा नए नेता के तौर पर ऐसे व्यक्ति को आगे किया जाए जो सभी को साथ लेकर चल सके .... साथ ही पार्टी की गुटबाजी थम जाए...... यहाँ बताते चले राजशेखर जैसे नेता की कमी कांग्रेस को अब आन्ध्र में बहुत खलेगी..... क्युकि उन्होंने अपने काम करने के ढंग से सभी को कायल कर दिया था.... जनता के दरबार में राजशेखर की मजबूत पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की इस बार के लोक सभा चुनावो में उन्होंने ४२ में से ३३ सीट कांग्रेस को अपने दम पर जिताई थी...... साथ ही विधान सभा चुनाव में तेलगु देशम और प्रजा राज्यम जैसी पार्टियों को बेक फ़ुट पर ला दिया था... अब देखते है नए सी ऍम की कुर्सी पर सोनिया किसको बैठाती है ? हर्षवर्धन पाण्डे\प्रवीण परमार
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