रईस खानदान का एक आदमी था। चार साल पहले बैंकों का उधार चुकाने और आयकर देने के लिए भी उसके पास पैसे नहीं थे। बैंकों ने उसे असंभवन देनदार यानी डिफॉल्टर करार दे दिया था। वही आदमी इस साल सिर्फ एडवांस इनकम टेक्स के तौर पर ग्यारह करोड़ रुपए जमा कर चुका है। अपना जेट खरीद चुका है। कई फॉर्म हाउस है उसके पास और सबसे महंगी मर्सडीज और बीएमडब्ल्यू कारों का एक अच्छा खासा काफिला है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलुरु और हैदराबाद में अब इस आदमी के नाम से पांच सितारा होटलों में लगातार महंगे कमरे बुक रहते हैं। वह सिर्फ एक कुछ घंटों की पार्टी के लिए दुबई जाता है और लौट कर देश के कई शहरों में होते हुए किसी भी शहर के बडे होटल में जा कर टिक जाता है। इस आदमी का अगला ठिकाना दिल्ली की तिहाड़, मुंबई की आर्थर रोड या कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल होने वाला है। इस आदमी का नाम ललित कुमार मोदी है। तीन साल में क्रिकेट के बुखार को कैश करवा कर एक सफलतम व्यापारी होने का तमगा इसने हासिल किया है और बड़ी बड़ी पत्रिकाओं में उसके फोटों के साथ कवर स्टोरी छपी है। ललित मोदी जेल गए तो उनके लिए यह पहली जेल यात्रा नहीं होगी। बहुत साल पहले जब वे अमेरिका में पढ़ते थे तो अपहरण, धोखाधड़ी और हत्या के प्रयास के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था और बहुत मोटा जुर्माना दे कर वे छुटे हैं। आयकर विभाग की जो रिपोर्ट केंद्रीय प्रत्यक्ष कर प्राधिकरण को सौंपी गई है उसमें दूसरे पैरा में ही लिखा है कि इतने सारे पैसे का लेन देन होना और उसका कोई विधिवत रिकॉर्ड नहीं रखा जाना ललित मोदी को हवाला से ले कर विदेशी मुद्रा कानून तक का संदिग्ध अभियुक्त बनाता है। अब तो इस बात की भी पड़ताल होनी है कि जयपुर के रामबाग पैलेस होटल में रह कर ललित मोदी किस तरह मैच फिक्सिंग करवाया करते थे। विजय माल्या मोदी के बचाव में बहुत बोल रहे हैं। वे एक आईपीएल टीम के मालिक भी हैं और उनकी सौतेली बेटी आयकर विभाग के अधिकारियों के पहुंचने के पहले ही ललित मोदी के होटल फोर सीजंस के कमरे से उनका लैपटॉप और फाइलें निकाल कर ले जाती है। कैमरे के सीसी टीवी पर ये सब दर्ज है। बेटी से पूछताछ की जाती है और फिर छोड़ दिया जाता है। वह तो क्रिकेट के डॉन अपने बॉस ललित मोदी की आज्ञा का पालन कर रही है। ललित मोदी को बचाने में शरद पवार जिस कदर कूदे हैं वह भी कम खतरनाक संकेत नहीं है। आखिर शरद पवार विश्व भर में क्रिकेट को नियंत्रित करने वाली आईसीसी के मुखिया बनने वाले हैं और उन्हें ललित मोदी जैसा प्रतिभाशाली लोकल दलाल जरूर चाहिए। इतने हजार करोड़ का खेल हैं कि लोग भूल जाए कि रकम के आंकड़ों पर कितनी बिंदिया लगती है। ललित मोदी की जीवन शैली जिस तरह बदली है वही इस बात का संकेत हैं कि अंधाधुंध पैसा आया है और बेहिसाब खर्च किया गया है। शशि थरूर ने हो सकता है कि बहती गंगा में खुद और अपनी सहेली सुनंदा के साथ हाथ धोने की कोशिश की हो मगर ललित मोदी तो अब तक मिली फाइलों और जानकारियों के हिसाब से क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़े खलनायक साबित होते जा रहे हैं। सत्यम के रामलिंगा राजू पर तो छह हजार करोड़ रुपए के निवेश का अपने परिवार के नाम निवेश कर देने का आरोप है और वे जेल में सड़ रहे हैं। मगर अब तक ललित मोदी के कुकर्मों का जो इतिहास सामने आया है वह तो बीस हजार करोड़ के आसपास पहुंचता है। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को इस बात के काफी प्रमाण मिल चुके हैं कि आईपीएल के नाम पर अंडरवर्ल्ड से ले कर दुनिया के कई देशों में छिपा कर रखी गई रकम को काले से सफेद किया गया है और अब जब धंधे की पोल खुलती जा रही है तो बहुत बड़े बड़े लोग भय से कांपते घूम रहे हैं। हमारे केंद्रीय नागरिक उडयन मंत्री और सत्ताइस नंबर बीड़ी बनाने वाले प्रफुल्ल पटेल जो मुंबई में कक्षा एक से आठ तक शशि थरूर के सहपाठी थे, भी थरूर से नाराज हैं क्योंकि थरूर और मोदी के बीच जो झगड़ा शुरू हुआ उसके कारण उनके राजनैतिक गुरू शरद पवार पर सीधे आंच आ रही है। ललित मोदी को सिर्फ आईपीएल कमिश्नर के पद से हटाने से काम नहीं चलने वाला। यह आदमी एक बड़ा आर्थिक अपराधी है और इसने खुलेआम अपराध करने के मामले में केतन पारिख और हर्षद मेहता को भी पीछे छोड़ दिया। राजस्थान में भाजपा शासन के दौरान मोदी और उनके साथियों ने सरकार की खुली और बेशर्म मदद से कई कंपनियों के नाम से जमीन और दूसरे कारोबारों मे निवेश किया। बसुंधरा राजे पर भी आंच आने के पूरे आसार है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो अब कहते हैं कि बसुंधरा अपने अफसरों को फाइलें ले कर राम बाग पैलेस भेजा करती थी और अफसरों को नोटिंग मोदी करवाया करते थे और संबंधित मंत्री उन पर दस्तखत करने के लिए बाध्य होता था। प्रणब मुखर्जी जब संसद में यह कह रहे थे कि आईपीएल और बीसीसीआई के कारोबार की सब जांच की जाएगी और किसी को नहीं बख्शा जाएगा तो उन्हें पता था कि महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस की सरकार को वे दांव पर लगा रहे है। जयपुर विकास प्राधिकरण के भूतपूर्व अध्यक्ष जगदीश चंद्र माली, एक कारोबारी नितिन शाह और अफसर अशोक सिंघवी और पुरुषोत्तम अग्रवाल मिल कर काले धन का यह कारोबार चला रहे थे। अडानी उद्योग समूह भी इस धंधे में शामिल था। कहानी बहुत लंबी है लेकिन एक सवाल पूछा जा सकता है बल्कि पूछा ही जाना चाहिए। आयकर विभाग के अधिकारियों को आखिर दो साल बाद कैसे याद आया कि आईपीएल ने टेक्स जमा नहीं किया है और अपने खातों की जानकारी नहीं दी है। क्या वे अखबारों के शीर्षकों के आधार पर काम करते हैं? ललित मोदी को भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदलने का श्रेय दिया जाता है जो शायद सही भी हो मगर क्रिकेट को चेहरा बदल कर कोठे पर बैठाने का कलंक भी ललित मोदी को ही झेलना पड़ेगा।
आलोक तोमर
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार, फिल्म-टीवी के पटकथा लेखक हैं।)
इस ब्लॉग की भाषा मंजी, बेबाक और बहुत कुछ सविस्तार, गहराई तक बताती और जताती है। धन्यवाद कहूं, आभार कहूं तो भी कम पड़ता है।
ReplyDeleteआप एक बात मान ले ...इस दुनिया में पैसे वालों को ही सर्वाधिक पैसों की जरूरत है आम आदमी और ईमानदार को तो छोटी छोटी जरूरतों के लिए इसी हिन्दुस्तान में कितने पापड बेलना पडतें हेँ ..ये कौन बता सकता है ...आपका लेख आँखे खोलने वाला है इतनी सटीक भाषा ,धन्यवाद
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