और १६ मई आयी और चली भी गयी ...... ये दिन रहा कांग्रेस के नाम , २५० से ज्यादा सीटें । लगभग हर जगह सुधरा हुआ प्रदर्शन । उत्तर प्रदेश में तो जैसे पुनर्जन्म। राहुल का करिश्मा कहें, काम की ताक़त कहें, कार्यकर्ताओं की बात करें ......लेकिन हम किसी एक पार्टी की बात न करके सियासत की बात करेंगे....हम देखेंगे की इन चुनावों ने केवल को नही, भारतीय राजनीति को क्या दिया
दरअसल जो परिणाम हमारे सामने हैं वो कुछ अच्छे बिन्दुओं की तरफ इशारा कर रहे हैं ....
देश क्षेत्रीय दलों की ब्लैकमेलिंग वाली राजनीति को अब नही झेलना चाहता ....(सपा , बसपा , राजद , लोजपा का हाल ...)
देश धीरे-धीरे द्विदलीय प्रणाली और इसमे भी एक दल के स्पष्ट बहुमत की तरफ बढ़ रहा है ....( २६१ सीट का यूपीऐ , ॥)
देश बहुबल्यों से छुटकारा चाहता है ...(मुख्तार, अन्ना ....)
दिग्गज होना नही बल्कि आपको काम बचायेगा ...(पासवान तो एक नाम है क्यूंकि गिनीज़ वाले थे....)
देश कट्टर छवि को हज़म करने में अब असमर्थ है ...(अडवानी भी बुरे उम्मीदवार नही थे)
युवा जल्द ही राजनीति पर छाने वाले हैं.....( जितिन, राहुल, वरुण, सभी की बात है )
राजनीति में गढ़ अब पुराने हो कर दरकने लगे हैं ...( बंगाल का लाल किला... )
मेरे पास अभी समय कम है आप ने भी विश्लेषण तो ज़रूर किया होगा ...जो बिन्दु आपको दिखे वो आप भी ज़रूर भेजें ....अगर ऊपर के किसी बिन्दु से सहमत हों तो वो भी ज़रूर लिखें .....हाँ एक गंभी बिन्दु याद आ गया है तो उसे लिखना ही पड़ेगा....वोट प्रतिशत बहुत कम रहा है ...... ये एक गंभीर मसला है...
मेरे राय से सबने बिजली रानी के पक्ष में वोट किया है और सभी पी एम वेटिंग को मुँह धोकर दुबारा आने को कहा है
ReplyDeleteandhe ke haath bater lagi hai bhai upa ko khud bhi iski ummeed na rahi hogi.....khuda meharban to gadha bhi pahelwaan........
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