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Tuesday, May 19, 2009
बहुत याद आए
अपने लोग अपनी बातें और ढेर सारी खुशियाँ............. लम्बे समय तक खाली बैठे रहना, छोटी छोटी बातों पर देर देर तक गुस्सा करना और पूरे दिन कैन्टीन के पीछे टाइम पास। वो दिन जब याद आते हैं तो भोपाल आँखों के सामने किसी फिल्म की तरह नाचने लगता है।ढेर सारा खाली वक़्त और उसे बिताने के अजीबोग़रीब बहाने ....... बिल्कुल सपना बन चुकी हैं ये चीजें........................। अब तो सब परीक्षाओं की तैयारी में लगे होंगे। वापस आने की बात से ही मन उछाह ले रहा है बस राम जी की कृपा से सब ठीक ठाक निपट जाए।
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