एक क्लिक यहां भी...

Monday, October 19, 2009

युवराज.....

(ये विचार मेरे व्यक्तिगत विचार है कृपया इसे किसी भी प्रकार के पक्षपात का नाम न दिया जाये। )
अगर युवराज शब्द के लिए भारत में कोई उचित व्यक्ति का चेहरा मेरे दिमाग में आता है तो वह नाम या तो सलमान खान का है जो युवराज फिल्म में काम कर इस शब्द के लिए सही व्यक्ति बन गए या तो फिर एक नाम जेहन और आता है जिन्हें कुछ तो मंद ध्वनी में और कुछ तो सामान्यत ही उन्हें पुकारते है..... सरदार पटेल की वजह से तो राजे ,राजवाडे तो ख़त्म हो गए मगर मानसिकता वही है.....और अब युवा के नाम पर पता नहीं कितनो को बेवकूफ बनायेंगे
बेचारे क्या करे आखिर न पुकारे तो राजनीति का क्या होगा ? जी हाँ मै भावी प्रधानमंत्री युवराज राहुल गाँधी जी की बात कर रहा हूँ ..... जी हाँ राहुल गाँधी जी को भारतीय मीडिया दलित और गरीबों के मसीहा के रूप में प्रस्तुत करने पर तुली हुयी है......आखिर क्यों न करे भारत के होने वाले प्रधानमन्त्री का सवाल है भाई........ जिसे भारत के प्रधानमन्त्री के रूप में देखा जा रहा है उससे सम्बन्ध बनाने में हर्ज ही क्या है.....भले ही उसके लिए कुछ भी करना पड़े......बड़ी से बड़ी खबर रोक दी जाये मगर युवराज की खबर सबसे पहले हमारे चैनल पर ही चलनी चाहिए ......
अरे लोग तो यह भी कहने लगे है की दूसरा राजीव गाँधी है..... अरे राहुल भैया गरीबन के हिया जाए ..... एक पत्रकार साहब से बात-चीत के दोरान उनके मुंह से निकल आया कि.... " देखो यार राहुल कितने बड़े परिवार का होकर और एक दलित के यहाँ पर ..............................................." तो मेरे मुह निकल ही आया "क्यों नहीं वो तो अपनी पृष्ठभूमि को तैयार करने में लगे है .वैसे ३९ वर्ष का होकर अबतक उन्होंने किया ही क्या है . पहले बड़े बड़े पांच सितारा होटल में खाते थे अब कही पर भी खा लेते है और खाना ही तो खाते है अर्थात ग्रहण ही तो करते है" तो साहब ने कहा "फिर भी .........................."
भारतीय मीडिया की ये स्थिति है की युवराज हाथ मिलाते है तो खबर ,सोते है तो खबर, जाते है तो खबर अगर कुछ दिनों में वे अगर ............................भी करेंगे तो भी खबर बन सकती क्योकि ये भारतीय मीडिया है और सबसे बड़ी बात ये है की भविष्य के प्रधानमन्त्री का सवाल है अगर सम्बन्ध अच्छे रहे तो राज्यसभा या सूचना प्रसारण में कोई अच्छी जगह बन सकती है बुढापा आसानी से कट जायेगा .
जैसे इस मीडिया में कई किस्से प्रचलित है जैसे एक किस्सा राजीव शुक्ल जी का है कि एक बार राजीव जी फोटो के लिए कानपुर में राजीव गाँधी जी कि रैली में बड़ी जद्दोजहद कर रहे थे और इसी में वो गिर पड़े राजीव जी ने उनको देख लिया फिर क्या था उनका गिरना और सफलता एक सामान थी फिर उन्होंने दुबारा पीछे मुड़ कर नहीं देखा
आज हर पत्रकार राहुल के सामने ऐसे प्रश्न पूछता है कि जैसे उनको प्यार व् पुचकार रहा हो जैसे
- १- आप कब शादी कर रहे है ?
२- कोई पसंद कर रखी है क्या ?
३- क्या परिवार कि रजामंदी रहेगी ?
राहुल जी हंस कर टाल देंगे तो भी खबर बन जायेगी .भैया एक बार समझ में नहीं आता कि देश में इसके अलावा कोई मुद्दा ही नहीं बचा है क्या ......मुझको ये समझ नहीं आता आखिर ये तैयारियां प्रधानमन्त्री बनने की है या फिर समाजसेवी बनने की..... खैर मिशन राहुल आने वाले लोक सभा में पूरा हो जायेगा और साथ -साथ भारतीय मीडिया की हसरत भी पूरी हो जायेगी.....कई बड़े पत्रकारों को भी न्योते का इन्तजार रहेगा..... कि मैंने भी आपके प्रोजेक्शन में बहुत मेहनत की है...... सबसे पहले खबर हम ही चलाते थे.....शादी के बाद प्रसाद का इंतजार .......... और स्वर्ग से पत्रकारिता के बड़े पत्रकार सर पीट -पीट कर यही कह रहे होंगे की अगर हमने भी अपनी कलम का इस्तेमाल यही करने में लगाया होता तो इंदिरा जी व कई आंदोलनों में जेल न जाना पड़ता और एक विलासितापूर्ण जीवन बीत गया होता ..............
खैर शादी.....राज्याभिषेक.....और न्योते के इंतज़ार में एक आम आदमी जो गलती से पत्रकार बन गया.......

कीर्ति भास्कर
(लेखक ने अभी अभी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है.....आप इनसे thinktank.guru@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं )

2 comments:

  1. असल में गाँधी परिवार के प्रति लोगो में ऐसी अंधश्रदा इस लिए है कि मीडिया इन्हें हमेशा सुर्खीयों में रखे रहता है....जिस कारण लोग भी प्रभावित होते हैं.....मीडिया इन से हमेशा ऐसे सवाल ही पूछता है जो इन के प्रचार मे ही सहायक होते हैं ....
    आप की बात सही है कि यह सब प्रधान मंत्री की तैयारी मात्र ही है।

    ReplyDelete
  2. PATA NAHIN KAB IS DESH KI SOCH KO KUMARON KHANO AUR YUVRAJO SE MUKTI MIL PAYEGI AUR YE KUCHH APNA HIT ANHIT SOCHNEY KE LAYAK HO PAYEGA ?

    ReplyDelete

गूगल बाबा का वरदान - हिन्दी टंकण औजार

ब्लॉग एक खोज ....