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Thursday, October 22, 2009

साजिशों का दौर....

वर्तमान परिदृश्य को देखने से तो लगता है भारत में होने वाली तमाम आतंकी गतिविधियाँ ,माओवादी छापामारी के तहत पुलिस वालो की हत्या लालगढ़ में लाल का आतंक ,तालिबान की भारत पर नजर से तो लगता है की ये सारी गतिविधियों के पीछे कोई बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है . दरअसल भारत बड़ी तेजी के साथ विकास कर रहा है और इस विकास में अमेरिका भारत के साथ हर कदम पर खड़ा है भारत और अमेरिका न केवल सामरिक बल्कि आर्थिक ,सामजिक ,राजनैतिक हर छेत्र में बहरत के साथ सहयोगात्मक रवैया अपना रहा है साथ साथ विश्वमंच पर भारत की भागीदारी बढ़ी है वाही पकिस्तान में संघर्ष की स्थिति बनी है दो देश साथ आजाद हुए एक में लोकतंत्र ,दूसरे में आतंकतंत्र ये वज़ह है जिससे पकिस्तान बहुत अधिक चिंतित है पकिस्तान के साथ साथ कई और देशों में भी ये विकास आँख की किरकिरी बना हुआ है इसी वज़ह से भारत को हर तरफ से घेरने की तैयारी चल रही है खुफिया विभाग के अनुसार भारत में एक बार फिर से मुबई २ की तैयारी चल रही है वहीँ तालिबान भारत के सरहदी इलाकों तक पहुच बना रहा है इधर लाल का साया अपना लाल रंग दिखा ही रहे है लगभग १८ राज्यों में चुनोती दे रहे है इस बात के पुख्ता प्रमाण मिल चके हैं की इस साए को चीन का सहयोग मिल रहा है चीन इसे आर्थिक ,सामरिक ,वैचारिक हर छेत्र में सहयोग देता है और इसकी वजह से ये अपना आतंक भारत में फैला रहे है दरसल पहले ये मदद नेपाल से होते हुए भारत तक पहुँचती है इन पर लगाम लगाने के लिए गृह मंत्री ने जो कदम उठाये है वो कड़े तो हैं और सही भी है नक्सलियों के लिए विशेष बल ,वायु सेना को दी गयी मंजूरी से नक्सलियों के हौंसले पस्त हो सकते है नवम्बर से इन कारवाही हो सकती है यानी लाल साये को जलाने की तैयारी हो चुकी है अगर इस अमल हुआ तो तो लाल का आतंक ख़तम ही हो जायेगा हलाकि इसको रोकने के प्रयास चल रहे है मेरे ख़याल से जो भी इसे रोकने की कोशिश करेगा वो निश्चित ही देशद्रोही होगा इससे नक्सलियों के हौंसले पस्त हो जायेगे लेकिन भारतीय माओवाद चीन से अत्यधिक प्रभावित है इसलिए भारतीय माओवादी इससे बचने के लिए चीन की मदद ले रहे है इसी वजह से भारतीय सीमाओं पर चीन ने दखल देना शुरू कर दिया है इस दखल से भारत अपना पूरा ध्यान आपने सरहदी इलाको की सुरछा में लगा देगा और नक्सलियों पर कार्यवाही रूक जायेगी मैं अपने लेख में यही ध्यान दिलाना चाहता हूँ की जब चीन का गृह मंत्रालय भारतीय माओवादियों को पत्र व्यवहार के द्वारा निर्देशित कर सकता है तो ये संभव है की ये कार्यवाही को टालने की कोशिश हो ।इसी कारण चाइना, पकिस्तान, नेपाल तीनो तरफ से असहयोगात्मक रवैया देखने को मिल रहा है चीन ने अचानक ही नहीं तवांग -तवांग ,अरुणांचलअरुणांचल कर रहा है चीन का अचानक से ये राग अलापना ही इस बात का सबूत है की माओवादियों की कार्यवाही से जरूर कोई लेना- देना है ,कुल मिलाकर देखा जाये तो बड़े तरीके से रायता तैयार किया जा रहा है मगर इस रायते को फैलने से रोका जाना चाहिए
- कीर्ति भास्कर
(लेखक ने अभी अभी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है.....आप इनसे thinktank.guru@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं )

1 comment:

  1. vaah kirti bhai likhte rahe.. achha likha hai vivek mishra
    www.jungkalamki.blogspot.com

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