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अमन का कबूतरकंगूरे पर बैठ
घिघियाता रहा
गिड़गिड़ाता रहा
फिर जार-जार सोया था
उस दिन
बेबस हो गई थी भाषा
बेकस हो गये थे अर्थ
तुम्हारे खौफ़नाक इरादों के सामने।
ओर
बहभियान कला का नायाब तोहफा
तुम्हारे जनून के हत्थे चढ़ गया
कनिष्ठ ने 'क' से पढ़ाई थी
कन्धार कला
तुमने क से पढ़ा दिया कठमुल्लापन।
कठमुल्ले कला को कत्ल करते रहे
आसमान थर्राता रहा दरिन्दगी के नाच पर
शायद
तोड़ना तुम्हारा वजूद
तुम्हारे विश्वास
तुम्हारे मिथक
खुद को छलना है।
सत्य को तोड़ना
खुद को तोड़ना है
बारूद, तोपखाने रॉकेट लाँचर
नहीं मिटा सकते तुम बुद्ध को
बुद्ध तो चतेना है।
चेतना शाश्वत है
नसों में जब-जब भी दौड़ता है युद्ध
धड़कने लगता है दिल में बुद्ध
बुद्ध तो
युद्ध से शान्ति तक की यात्रा हैं।
लाल इमली कहते ही इमली नहीं कौंधी दिमाग़ में
जीभ में पानी नहीं आया
‘यंग इण्डिया’ कहने पर हिन्दुस्तान का बिम्ब नहीं बना
जैसे महासागर कहने पर सागर उभरता है आँखों में
आज एक ऐसे साथी की दो कविताएं पढ़वाना चाहते हैं जो कल हम सबको अलविदा कह गया....कविताएं छोटी हैं पर बेहद संवेदनशील हैं, पहले कविता पढ़ें फिर कवि का परिचय भी.....
हो सके तो...
मेरी रंगीन कब्र पर
दीप मत जलाना
हो सके तो
जीते जी
मेरे अंधेरे घर में
उजाला कर दो...
मेरे चारों तरफ है
आईने
कहां छिपने जाऊं
हो सके तो
अपने सीने में
छिपा लो मेरे आंसू ....
सपने
किसी भी उम्र में
देखे जा सकते हैं
सपने
अंतिम सांस भी
कम नहीं होती
जिस जीवन में
सपने नहीं हैं...
वह सहेज कर
रखा गया
पार्थिव शरीर है
और कुछ नहीं....
प्रदीप श्रीवास्तव
(राष्ट्रीय सहारा, गोरखपुर में कार्यरत डिप्टी न्यूज एडिटर प्रदीप श्रीवास्तव की आज सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है. प्रदीप कार चला रहे थे और एक ट्रक की कार से टक्कर हो गई. प्रदीप के साथ कार में बैठे उनके बहनोई की भी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि टक्कर इतनी भीषण थी कि शव कार को काटने के बाद बाहर निकाला जा सका. प्रदीप की उम्र 47 वर्ष थी और वे करीब 18 वर्ष से राष्ट्रीय सहारा के साथ थे. वे राष्ट्रीय सहारा, गोरखपुर के जनरल डेस्क इंचार्ज थे।)
इसी बातचीत में एक जगह यह भी आया है कि दयानिधि मंत्री बनने के ठीक पहले तक सुमंगली केबल नेटवर्क चलाते थे और पूरे तमिलनाडु में केबिल कारोबार पर उनका ही सिक्का चलता था। मंत्री बनने के बाद उन्होंने सुमंगली केबल नेटवर्क भाई कालानिधि को पावर ऑफ अटार्नी पर दे दिया। इतना ही नहीं, दयानिधि मारन ने संसद में झूठ बोला कि सन चैनल से उनका लेना देना नहीं हैं मगर स्टॉक एक्सचेंज ने जो दस्तावेज दिए गए हैं उनके अनुसार दयानिधि मारन को इस पूरे कारोबार का प्रमोटर बताया गया हैं। करुणानिधि और दयानिधि के नामों का अर्थ एक ही होता है और शायद इसीलिए करुणानिधि अझागिरी और स्टालिन की नाराजी के बावजूद दयानिधि को बचाते रहते है।
आलोक तोमर
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार, फिल्म-टीवी के पटकथा लेखक हैं।)