बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे....
अविनाश जी के साथ मैं खड़ा हूं आपके इंतज़ार में....
तो मिलते हैं सही वक्त पर...
सही जगह...
सही इरादों को....
सही अंजाम पर पहुंचाने....
जाट धर्मशाला
नांगलोई....
बस कुछ ही घंटों बाद....
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