अच्छा लग रहा है यह देख कर कि इस प्रयास की प्रशंसा हो रही है पर अभी आगाज़ है ...... इस ब्लॉग का मकसद कोई प्रशंसा या प्रसिद्धि पाना नही है क्यूंकि हम सब के पास उसके कई तरीके हो सकते हैं जो आसान भी हैं ..... मकसद है अन्दर का उबाल बाहर लाना पर रचनात्मक रूप में, रचनात्मकता को मरने से बचाना और हम सबको करीब और करीब करना सो मैं गुजारिश करता हूँ कि सब इससे जुड़े , जो पहले से से जुड़े हैं वो विभाग के और लोगों तक बात पहुँचाये, उनको प्रेरित करें इस ब्लॉग से जोड़े !
हम सब यह चाहेंगे कि इस से हमारे सारे साथी विभाग के सारे लोग वर्तमान, भूतपूर्व और अभूतपूर्व सब जुड़े .... आख़िर सवाल विभाग की इज्ज़त का है ! तो साथियो हाथ में हाथ और एक ही बात कि ब्लॉग पर रोज़ अगर ५ पोस्ट भी ना आये तो ब्लॉग कैसा ? तो अपनी तलवारे मेरा मतलब कलम उठाओ और लिख डालो कुछ नई कहानियाँ जो दुनिया ना सही ख़ुद को ही बदल डालें .....
हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए
आग मेरे दिल में ना सही, आग तेरे दिल में सही
हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए
सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
मेरी कोशिश है कि यह सूरत बदलनी चाहिए
सदस्यता के लिए अपन अपरिचय और ई मेल आईडी हमें भेजे इस पते पर
cavssanchar@gmail.com
जय हिंद
केव्स प्रणाम
आपका
मयंक सक्सेना
No comments:
Post a Comment