आज यानी कि १ मई को विश्व श्रमिक दिवस है ...... दिन है याद करने का उनके उस योगदान को जो
अविस्मरनीय और सतत है........
आज भी वे उसी हाल में हैं ......तो क्यों हैं ?
जवाब हम सबके पास है पर सब ढूँढ रहे हैं !
झान्किये ....................अपने अन्दर
श्वानो को मिलता दुग्ध वस्त्र भूखे बालक अकुलाते हैं
माँ की छाती से चिपक ठिठुर जाड़े की रात बिताते हैं
मिल मालिक तेल फुलेलो पर पानी सा द्रव्य बहाते हैं
युवती की लज्जा वसन बेच जब क़र्ज़ चुकाए जाते हैं ................
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