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Thursday, May 15, 2008

अफ़सोस ......

अफ़सोस ..... हमारी आदत हो गई है बस अफ़सोस जताने की ..... और यही वजह है कि आपका, मेरा और इस ब्लॉग का दुर्भाग्य कि आज तीन दिन बाद भी इस पर जयपुर धमाको पर कोई लेख बल्कि एक शोक संदेश तक नहीं आया .........!!!
बधाई हो ..... आप वीर हैं कि इतनी बड़ी घटना से मुंह चुराने में सफल हुए यह निश्चित ही वीरता की बात है, मैं परसों रेल में था और कल दिल्ली में और आज ब्लॉग खोला तो उम्मीद थी कि ................ पर आप लोगों ने निराश नहीं हतोत्साहित कर दिया। खैर उम्मीद है कि आइन्दा ..........
धमाको में मारे गए लोगो की अकाल मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करते हुए मैं इस ब्लॉग एवं केव्स परिवार की ओर से शोक संतप्त परिजनों को सहानुभूति निवेदित करता हूँ ........

बड़े शौक से सुन रहा था ज़माना
तुम्ही सो गए दास्ताँ कहते कहते

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