मित्रो, पिछले 8 साल मे भारत की राजनीति जिस घटना ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया वो 27 फरवरी 2002 को गोधरा मे घटी ट्रेन हादसे और उसके बाद भड़के दंगे भी है. जिसकी आड़ मे राजनीति होती रही है और उन तमाम लोगो ने अपनी रोटियां सेकी है और सिर्फ इसी वजह से सच्चाई से अब तक परदा नही उठा हैं. बहुत लोगो ने केवल गुजरात दंगो की बात की लेकिन दंगे क्यो भड़के इसकी चर्चा करना कभी मुनासिब नही समझा. क्या हुआ और क्यो भड़का दंगा
दिनांक 27 फरवरी 2002 साबरमती एक्सप्रेस जिस पर सवार होकर कार सेवक अयोध्या से लौट रहे थे. जब साबरमती एक्सप्रेस गोधरा पहुंची तो 500 से ज्यादा लोगो ने बलपूर्वक ट्रेन रोककर उस विशेष कोच को आग के हवाले कर दिया जिसमे कार 59 कार सेवक सवार थे. जिसमे अधिकतर बच्चे और महिलाये थी. बात यही खत्म नही होती है 59 जिंदा लोगो को आग के हवाले करने के पहले कास सेवक जिस बोगी पर सवार थे उस बोगी पर पहले पेट्रोल फेका गया और उसके बाद 500 से ज्यादा लोगो की भीड़ ने ट्रेन को आग के हवाले कर दिया गया जिसके बाद गुजरात मे दंगा भड़का और 1000 से ज्यादा लोगो दोनो तरफ के लोग यानि हिंदू और मुस्लिम मारे गये. विश्व इतिहास मे ऐसी पहली घटना थी जब किसी देश के बहुसंख्यक समुदाय से संबंधित लोगो को इस तरह यातनाए देकर मारा गया .इससे पहले ना तो ऐसी घटना कभी घटी . मारे गये कार सेवक किसी भी नजरिये से गुनहगार नही थे और वो केवल अयोध्या से कार सेवा कर रहे थे. हालांकि मै किसी भी तरह के दंगे की निंदा करता हूं और मानता हूं कि ऐसी घटनाये भारत के साख पर बदनुमा दाग है. दंगे के 10 महीने बाद गुजरात मे विधानसभा के चुनाव हुए और भाजपा भारी बहुमत से चुनाव जीतकर सत्तासीन हुई..
क्रमश:
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