"किताबो में चिडिया चहचहाती है
किताबो में खेतिया लहलहाती है
किताबो में झरने गुनगुनाते है
परियो के किस्से सुनाते है
किताबो में रोकेट का राज है
किताबो में साइंस की आवाज है
किताबो में ज्ञान की भरमार है
किताबो का कितना बड़ा संसार है
क्या तुम इस संसार में नही चाहोगे?
किताबे कुछ कहना चाहती है
तुम्हारे पास रहना चाहती है
" सफ़दर हाश्मी "
जिन्दगी में किताबों की अहमियत तो है ही। अच्छे भाव।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
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