मध्य प्रदेश मैं एक लड़की थी। बचपन मैं उसके साथ उसके एक सम्बन्धी ने बलात्कार किया था। लड़की का तन और मन दोनों ही घायल हुए थे इस घटना के बाद। माँ और बाप दोनों ही शांत हो गए थे की लोग क्या कहेंगे?और लड़की भी अपने मवाद को अपने भीतर ही जज्ब करके रह गई। अचानक माँ बाप को कुछ साल बाद पड़ोसियों से पता चला की अरे भाई साहब आपकी बिटिया तो बड़ी हो गई है, कब कर रहे हैं बिटिया की शादी ?माँ बाप भी कहते हैं ,हाँ शादी कर देते हैं पास मैं पैसे हों तब भी न हों तब भी। शादी एक सामूहिक विवाह समारोह मैं तय कर दी जाती है। की अचानक एक सरकारी तुगलकी फरमान जारी होता है की सभी का कौमार्य परिक्षण किया जाएगा। लड़की जिन तकलीफों को कई बरस पहले भूल चुकी थी उसे वो सब फ़िर से याद दिलाया गया उसकी आत्मा को बलात्कार के कष्ट को एक बार फिर महसूस करने लिए मजबूर कर दिया गया लड़की ने सारे कष्ट झेल लिए।
एक लड़का था गजब का हैण्डसम और स्मार्ट भी था पास मैं motor cycle थी और जेब मैं पैसे भी थे तो हर दिन एक नई लड़की उसके साथ दिखती थी, नतीजतन उसे ऐड्स था। जो किसी की भी जानकारी मैं नही था । एक सीधी साधी लड़की से उसकी शादी भी हो जाती है और लड़के के कौमार्य परिक्षण की कोई जरूरत महसूस नही की जाती है नतीजतन लड़की और उसके होने वाले बच्चे दोनों को ऐड्स हो जाता है लेकिन कोई शिकवा कोई शिकायत नही होती है।
हमारे इस समाज मैं हर बार सीता ही अग्नि परीक्षा देती आई है, अगर राम ने पूरी फौज के साथ रावण का मुकाबला किया था तो सीता ने भी अशोक वाटिका मैं अपने सतीत्व को बचने की लडाई अपने दम पर लड़ी थी जब राम क्या कोई भी वहां नही था जो उनकीं पुकार को सुनता। सीता अग्नि परीक्षा देती है फिर भी जंगल जाती है, और अंत मैं पुनः अपने सतीत्व को परमिट करने के लिए जमीन मैं समां जाती है वरना आज भी लोग उनके चरित्र पर संदेह कर रहे होते।
क्या राम ने किसी मौके पर देने की जरूरत समझी थी की नही भाई अगर तुम पवित्र हो तो मैं भी पवित्र हूँ , हमारे समाज मैं ये दो मुह का व्यवहार सदियों से होता चला आया है मेरी समझ से लड़की सुंदर है ये वाक्य हमारे समाज के लिए किसी गाली से कम नही है क्योंकि हम कब तक लड़की की पहचान उसके शरीर से करेंगे लड़की काली नही है सांवली है ,लम्बाई कम नही है बस जरा चोटी सी है , कानपुर विश्वविद्यालय के एक प्रोफ़ेसर थे मेरे गुरु हैं , वो मुझे इंग्लिश पढ़ते थे , उनकी एम् एड गोल्ड मेदिलिस्ट बिटिया ki शादी की बात उन्होंने राय बरेल्ली के कॉलेज मैं एक नेट कुँलिफिएर लड़के से की तो उन्होंने कहा की पहले बिटिया को मेरे कॉलेज मैं ज्वाइन करवाइए मैं स्वाभाव देखकर शादी करूंगा।
क्या उस लड़के की शिक्षा ही शिक्षा थी उनकी बिटिया की साडी महनत बेकार थी। मुझे खूब याद है गुरूजी क्लास मैं रोते थे। क्या समाज इस दोराहे को लेकर कोई सुधर वादी रविया अपनाएगा ये एक सवाल है
atyant dukh aur peeda ka anubhav hota hai aise prasangon par
ReplyDeletekaash ! hamaare haath me kuchh hota,
poora nizam badal dete..........
aapke aalekh ka haardik abhinandan !