आज है ८ फरवरी और है बच्चन जी की गीत कवियों की परम्परा के अकेले जीवित महाकवि गोपाल दास नीरज की सालगिरह। नीरज जी का महत्त्व इसलिए भी साहित्य में है क्यूंकि जब इनका एक कवि के रूप में प्रादुर्भाव हुआ तो इनके समकालीन प्रयोगवादी या अतुकांत कविता का दौर चल रहा था। उस दौर के मठाधीशों ने (जिनका नाम ना ही लेना उचित होगा) नीरज को मंचीय कवि कह कर खारिज कर दिया पर जनता ने जिसको दिल से स्वीकार किया हो उसे कोई क्या अस्वीकार करेगा ......नीरज ने कारवाँ गुजर गया, फूलों के रंग से और ऐ भाई ज़रा देख के चलो जैसे सिनेमा के मील के पत्थर भी रच डाले.....उस कवि को आज के दिन बधाई और नमन ......
प्रस्तुत है नीरज जी का एक गीत जिसकी फरमाइश की थी लातिकेश जी ने ताज़ा हवा पर....पर यहाँ पढ़वा रहा हूँ ....
प्यार की कहानी चाहिए
आदमी को आदमी बनाने के लिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
और कहने के लिए कहानी प्यार की
स्याही नहीं, आँखों वाला पानी चाहिए।
जो भी कुछ लुटा रहे हो तुम यहाँ
वो ही बस तुम्हारे साथ जाएगा,
जो छुपाके रखा है तिजोरी में
वो तो धन न कोई काम आएगा,
सोने का ये रंग छूट जाना है
हर किसी का संग छूट जाना है
आखिरी सफर के इंतजाम के लिए
जेब भी कफन में इक लगानी चाहिए।
आदमी को आदमी बनाने के लिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
रागिनी है एक प्यार की
जिंदगी कि जिसका नाम है
गाके गर कटे तो है सुबह
रोके गर कटे तो शाम है
शब्द और ज्ञान व्यर्थ है
पूजा-पाठ ध्यान व्यर्थ है
आँसुओं को गीतों में बदलने के लिए,
लौ किसी यार से लगानी चाहिए
आदमी को आदमी बनाने के लिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
जो दु:खों में मुस्कुरा दिया
वो तो इक गुलाब बन गया
दूसरों के हक में जो मिटा
प्यार की किताब बन गया,
आग और अँगारा भूल जा
तेग और दुधारा भूल जा
दर्द को मशाल में बदलने के लिए
अपनी सब जवानी खुद जलानी चाहिए।
आदमी को आदमी बनाने के लिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
दर्द गर किसी का तेरे पास है
वो खुदा तेरे बहुत करीब है
प्यार का जो रस नहीं है आँखों में
कैसा हो अमीर तू गरीब है
खाता और बही तो रे बहाना है
चैक और सही तो रे बहाना है
सच्ची साख मंडी में कमाने के लिए
दिल की कोई हुंडी भी भुनानी चाहिए।
आदमी को आदमी बनाने के लिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
मयंक जी ,
ReplyDeleteइतनी जल्दी नीरज जी की कविता को प्रकाशित करने के लिए कोटि कोटि धय्न्यवाद .
उम्मीद करता हु , आप के ब्लॉग पर इस तरह की ज़िन्दगी से जुड़ी कविताये पढने को मिलती रहेगी.
लतिकेश
मुंबई
नीरज जी की बढ़िया रचना प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद.
ReplyDeleteप्रहार: अपने गमो की दास्ताँ हम किसको सुनाये दिल ए जाना.
बहुत ही शानदार रचना है नीरज जी की। सही है। प्यार न हो तो जीवन ही न हो।
ReplyDeletemai to inka janmadin 4th jan samajh rahi thi...kahi par Neeraj ji ne khud bhi jikra kiya tha ki atal ji se sirf 10 din chhote hai..!
ReplyDeletejaankari ka shukriya
mayank ji hind pocket books se chapi kaarwan guzar gaya ya diamond se chapi geet jo gaaye nahi uthayeinge to janmtithi 4 january hi hai .........
ReplyDeletekanchan ji sahi keh rahi hain aapko pata hai neeraj ek bahut achche jyotishi bhi hain ...aur atal ji ne ek baar unse apni kundali ke baare mein bhi baat ki thi.....ye baat neeraj ji khud rakh chuke hain ki wo atal se 10 din chote hain.........
khair neeraj jaisi shakhsiyat ko yaad karne ke liye kisi khas din ki zarurat nahi......
Ek Achhi Kavya Rachna Ka Jikra Aapke Dwara. Neeraj Ji Ki Kavita Mein प्यार की कहानियाँJaisa Jikra Milta hai Mujhe.
ReplyDeleteThank You For Sharing.