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Wednesday, February 25, 2009

बांग्लादेश राइफल्स का विद्रोह

ढाका में आज सुबह शहर के बीचोबीच ज़ोरदार गोलीबारी की आवाजें सुनाई देने लगी, सकते में पड़े लोग जब तक कुछ समझ पाते तब तक शहर में फौज और अर्द्धसैनिक बलों की टुकडियां छा गई। कुछ देर बाद स्थिति जब स्पष्ट हुई तो चारों तरफ़ अफरातफरी मच गई क्यूंकि बांग्लादेश की सीमाओं की निगाहबानी करने वाली बांग्लादेश राइफल्स के जवानो ने बगावत कर दी थी और अपने ही अफसरों पर निशाना साध दिया था। सुबह शुरू हुई गोलीबारी और मुठभेड़ अब तक जारी है और माना जा रहा है कि इसमे भारी संख्या में आम नागरिक भी हताहत हुए हैं।
दरअसल माना जाता है कि बांग्लादेश में जब भी अवामी लीग की सरकार बनती है, सेना बहुत खुश नहीं रहती है। इसके कई कारण बताये जाते हैं पर सबसे ज्यादा समझा गया कारण समझा जाता है अवामी लीग की भारत से नजदीकियां। अवामी लीग भारत से अच्छे सम्बन्ध रखने की पक्षधर रहती है इसलिए फौज और सुरक्षाबलों में अक्सर ही इस रवैये को लेकर असंतोष रहता है। हालांकि इस बगावत का कारण सुरक्षाबलों द्बारा अधिकारियों के रवैये से नाराज़ होना बताया रहा है लेकिन भारतीय सीमाओं पर फिर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।
अभी एक दिन पहले ही प्रधानमन्त्री शेख हसीना ने इस कार्यालय में आकर कई जवानों को मैडल दे कर सम्मानित किया था और आज ही ये घटना हो गई है। ढाका की हालत ये है कि विद्रोही किसी भी तरह से सेना के काबू में ही नहीं आ रहे हैं और मुख्यालय पर उनका कब्ज़ा है। शहर में सारी दुकानें और सभी प्रतिष्ठान बंद करा दिए गए हैं और लोगों को घर से ना निकलने की हिदायत दी गई है। ज्ञात हो कि बांग्लादेश राइफल्स ही बांग्लादेश और भारत की सीमा पर तैनात है और इससे निश्चित तौर पर भारत की चिंताएं बढ़ी हैं। कई लोगों को याद भी होगा कि इसी सुरक्षा बल ने भारतीय सुरक्षाबलों की हत्या कर के उनके क्षत विक्षत शव वापस भेजे थे। ज़ाहिर सी बात है कि भारत और चीन के अलावा दक्षिण एशिया की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और ये सब घटनाएं चिंता बढ़ाने वाली हैं।

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