एक क्लिक यहां भी...

Saturday, January 24, 2009

जै-जै हे ओबामा.......

भगवान आ गये अब कोई चिंता नहीं है........
"सुनी है के भगवान को जनम भओ है"....गहरे अचरज से उसने पूछा "कहाँ ?"..."अरे बड़े दिनो से टीबी में कहूं चल रओ थो, तंयीं बाबू जी ने सुइ बताओ के किस्न भगवान को औतार हैं वो...ऐंसे कउंके देस में जनमे हैं बे जहां कभउं कोई करिया नइ होय"....फिर वह खुशी से मिश्रित अपने आप में उम्मीदों संग कहीं खोते हुए बोला "तो का भैया हमरी मजूरी होन लग्हे का ?"....दूसरा अपनी धुन में यशगाथा सुनाता रहा वो उम्मींद से भरता रहा अपना मन.....घर में खाट पे आकर धरा सा गया रोज़ चिंतित,व्यथित रहने वाला हल्कोरी आज वेफ़िक्र खाट पे पड़ा हुआ है....झिन्या से रहा नही गया खुशी मगर जिज्ञासा से सनी आश्चर्य की मारी तिरछी भौंह से पूछा "का बात है आज तुम बड़े निसफिकर लग रये हो। ....जान के अच्छो तो लगो मनो बात तो कछु है सही"........"अरी कछु नइहै बस बैसइ" फिर निंश्चिंतता से जबाव दिया.... "अच्छा मैं जैसे चूले चौंका में ही घुसी हों जानत हों कछु तो है.........."झल्ला कर सवाल में जान डालते हुए फिर पूछा...."हाँ अब सबकी चिंता दूर होजै है" कहते हुए हल्कोरी ने मुंह पर गमछा डालते हुए कहा....."कैसे ?"...... भौंह का तिकोना उसके खूबसूरत चेहरे पे उभर आया.....पल्लू दांतों से बाहर निकालते हुए बोली....हल्कोरी ने जबाव दिया "अरे कहूं बिदेस में भगवान को जनम भओ है....ते बे सब कै रै थे"......"कौन ?"......फिर झिन्या ने उतावली हो कर पूछा......."एरी तू बेसुरत रेत है....तोय कछु पता नइ रेय बो कलगी भगवान हैं...ओबामा".....झिन्या को जैसे साक्षात भगवान दिख गये हों श्रद्धा और विश्वास के साथ दोंनो हाथ जोड़ कर दूर से आंख बंद कर बोली जै हो भगवान।........."अब हमरी सुइ सुरत लइयो...ओबामा भगवान...जै जै ओबामा"।।।.....मीडिया किसी को भी इतना कवरेज़ देने से पहले ज़रा इनके बारे में भी सोचे कि आखिर ये लोग भी तो हैं जो अपके अर्थ को ज़रा में अनर्थ बना कर ले लेते हैं हालाकि समूचा देश इस वक्त सिर्फ काले से दिखने वाले ओबामा को निहार रहा है, मैंने इतना नकारापन कभी इस देश में नहीं देखा।।।।।। इन हालात की ज़िम्मेदार... ग़ैरज़िम्मेदार मीडिया और मज़बूर सरकार है....।।।।।

2 comments:

  1. अभी तो बस जयकारा लगने दिजिये. आगे देखा जायेगा.

    ReplyDelete
  2. अच्छा लेख बरुन....विडम्बनाओं का यथार्थ पर ओबामा की विजय ऐतेहासिक तो है ही पर यह विडम्बना भी सच है

    ReplyDelete

गूगल बाबा का वरदान - हिन्दी टंकण औजार

ब्लॉग एक खोज ....