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Tuesday, August 26, 2008

काश.....

हिमांशु की पोस्ट ने दिल को एक तसल्ली दी है कि जो आग हम लोगो में थी वो अभी ठंडी नहीं हुई है और हमारे सारे जुनिअर्स के सीनों में जल रही है। दरअसल जो कुछ हो रहा है वो इतनी नई बात नही है। हमारे परम आदरणीय कुलपति जी का यह रवैया बिल्कुल भी आश्चर्यचकित करने वाला नहीं है। इससे पहले हमारे अग्रज ( सीनिअर्स ) और फिर हम लोग भी इसी रवैये से जूझते रहे। हालांकि हम लोग आगे अपने इस तरह के अनुभव ब्लॉग पर बाँटेंगे ज़रूर पर अभी तो आप लोगों को शाबासी देते हुए मैंने फोटोशोप में कुछ खुराफात की है... इसे स्वीकारें।
हम आपके साथ हैं यह कहना कुछ औपचारिक लगता है मैं कहूँगा की हम सब साथ है !
कुलपति जी और बाकी निद्रा मग्न प्रशासन के लिए इतना ही कहूँगा,
पक चुकी हैं आदतें बातों से सर होंगी नहीं
कोई हंगामा करो ऐसे गुज़र होगी नहीं


एक गुजारिश और है कि इस तस्वीर को सब अपने ब्लोग्स और ऑरकुट प्रोफाइल पर लगा देवें, विश्वविद्यालय में लैब में वालपेपर लगा दे और Printout की तरह भी चिपका सकते हैं... बस इस पर क्लिक करें और इसका फुल साइज़ खोल कर सेव कर लें !

3 comments:

  1. i can understand your problems and emotions...but let us be positive and try hard. students are talented thats why despite all odds they are getting good placements. I believe authorities should have some solid plan about this. no doubt we are lagging behind as all institutes are developing their studios. what happenned about plannning on the ground floor as i know one year back.

    Dev Vrat
    Reader
    IMC&MT, Kurukshetra University

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  2. koi to hai jo hamari problem ko utha raha hai
    VC ka ek sutri karyakram hai rajyasabha ka member banna . unhen students ki problems se koi lena dena nahin hai. lal phita shahi aur bhai bhatijawad ka dusra roopa hamare VC hain.
    Rajesh Ranjan ETV news Jbalpur.

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