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Monday, December 8, 2008

पाक की सच्चाई..............

पाक पर हुए हमले दरअसल उसी का सेल्फ अटेक प्रोगराम है वैसे भी उसे अपने फौजी या दूसरे लोगों की चिंता तो है नहीं जो वो इतना घिनौना काम नहीं करेगा हो सकता है ये बात भारत के कुछ सोकाल्ड सेकुलरों के गले ना उतरे मगर इसमें कोई संदेह भी नहीं कि पाक का पेशावर में हुआ हमला कोई आतंकी हमला नहीं बल्की सेल्फ प्रोमोटेड अटेक है जो उसने विश्व विरादरी को झांसा देने के लिए किया है। भारत देश अजूबा यूँ ही नहीं है यहां के लोग खास कर वो सेकुलर्स सबसे ज़्यादा मेरी इस बात से नाराज़ होंगे जो सेकुलर का नारा लगाते-लगाते कब शरहदे पार कर पाक फरस्ती करने लगते हैं पता भी नहीं चलता क्योंकि वे अपने आप को इतना बड़ा सेकुलर मानते हैं कि देश दुनिया में एक ही सच है वो है सेकुलर जो वे अनुसरण करते हैं। खैर मेरा मक़सद इस पचड़े में पड़ कर मुख्य बात से आपको भटकाना नहीं है मूल बात है पाक के इस घिनौने कृत्य की तरफ आपका ध्यान आकर्षित कराना। दरअसल आने वाले समय में ऐंसी आवाज़ें उठेंगी कि मुम्बई में पाक का हाथ बता कर भारत सरकार ने सुधरते रिश्तों को दांव पर लगा दिया है ये वही लोग कहेंगे जो इस देश के भीतर सेकुलर कहलाते हैं मतलव साफ है कौन पूछा नहीं जाना चाहिये।.....पाक की इस हरक़त पे किसी को अगर एतराज़ हो तो वह सीधे अपनी आपत्ती लगा सकता है आखिर ये देश धर्मनिरपेक्ष जो है। हाँ भई मैं आप ही से कह रहा हूँ...जी हाँ लगा सकते हो आपत्ती पाक की बुराई करने का मतलव यहाँ के मुस्लिमों की बुराई जो है।..........ऐंसा कोई कार सेवक ,बजरंगी,संघी,शिवसैनिक, या अभिनव भारत का आदमी नहीं मानता बल्की ये सोकाल्ड सेकुलरिस्ट ही ऐंसा सोचते और मुस्लिम भाइयों को भी ऐंसा सोचने मानने को उलूल-जुलूल तर्क देते रहते हैं, जो यहाँ के अल्प शिक्षित अल्पसंख्यकों के मन में घर कर जाते हैं। भारत की हर समस्या का समाधान यहाँ के कमतादादियों के पास है।

2 comments:

  1. मैं सहमत हूँ कि अगर सेकुलर दिखने के लिए कोई पाकिस्तान के प्रति उदार होने का दिखावा करता है तो यह देश से गद्दारी है.... दूसरा पाक और यहाँ दोनों जगह मुस्लिम हैं पर भारतीय मुस्लिमो की पाकिस्तान के मुस्लिमो से समानता करना मूर्खता है....धर्मनिरपेक्ष होने का अर्थ संतुलित रहना है ना कि किसी एक मज़हब की तरफदारी करना...चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम !
    और ऐसा कुछ भी नही है कि पाक की बुराई यहाँ के मुस्लिम की बुराई है....ना ही भारतीय मुस्लिम ऐसा समझते होंगे....अगर होते तो फिर वे १९४८, १९६५, १९७१ और १९९९ में वे भारत की जगह पाकिस्तान का समर्थन करते ..... फिर भी अगर कोई भारतीय मुस्लिम पाकिस्तान परस्त है तो उसको यहाँ रहने का हक नहीं है.....गद्दार गद्दार है....हिन्दू या मुस्लिम !

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  2. मंयक आपके इन विचारों से मैं भी पूरी तरह सहमत हूँ...और इस तरह के सेकुलर्स को ही वास्तव में सेकुलर कहने का हक़ है। दोस्त भारतीयों का भीतर से जन्मजात गुण होता है जो सेकुलर। और अगर यही विचार राजनीति से प्रेरित हो तो किसी हाल में वह सेकुलर हो ही नहीं सकता।।।।

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