कल रात अपने देश में अर्थ आवर भले ही लोगों की निष्क्रियता और सरकार के रूचि ना लेने के चलते असर नहीं दिखा पाया पर दुनिया भर के देशों में इसका बड़े पैमाने पर आयोजन हुआ....बिजली बंद होने के बाद कई अद्भुत नजारे सामने आए......
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मोमबत्तियों से लिखा गया ...वोट अर्थ.....चुने एक को...केवल लाभ या अपनी धरती....
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हांगकांग का सेंट्रल कमर्शियल मार्केट जहां बत्तियां बुझा दी गईं
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ऑस्ट्रेलिया का सिडनी हार्बर और ओपेरा हाउस
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मलेशिया का पेट्रोनास टावर
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चीन का यिनताई सेंटर जो आम तौर पर प्रकाशमान रहता
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डेनमार्क जहां लोगों ने प्राकृतिक रुप से बिजली पैदा कर के कुछ शो किए
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जागरूकता फैलाने का एक अंदाज़ यह भी
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जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह ना जाए
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हम चलेंगे साथ साथ लेकर हाथों में हाथ.....
अपने देश में ना तो सरकार ने इस तरह के कुछ प्रयास किए ना ही लोगों ने जागरूकता दिखाई....यह बताता है कि हम धर्म और जाती के नाम पर सड़कों पर दिन भर राजनीति के मोहरे बन जाने को तो तैयार हैं पर असल मुद्दों को लेकर हम सुशुप्त हैं बल्कि निष्क्रिय हैं......हम फालतू बयान देने वाले, विद्वेष फैलाने वाले नेताओं के पीछे भीड़ बन कर चल सकते हैं पर १ घंटे के लिए अपने घर की बत्तियां बुझाने में हमें तमाम दिक्कतें हैं...................खैर उम्मीद करें कि अगली बार हम जागे रहेंगे....सरकार भी !(पर उम्मीद लोगों से ज्यादा है)
(तस्वीरें: साभार बी बी सी हिन्दी)
वाकई सच कहा आपने.....हम निष्क्रिय होते जा रहे हैं....सुंदर तस्वीरें....धन्यवाद
ReplyDeleteसही कहा ... भारत में इसे बिल्कुल ही गंभीरता से नहीं लिया गया।
ReplyDeleteवाह -क्या नजारा रहा ! शुक्रिया !
ReplyDeleteama, wo shaqs ek ghante ke liye kya batti bujhayega jiske yahan 24 me se 14 ghante ki bijli katauti hoti ho.
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