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Saturday, March 28, 2009

गैरों पे करम,अपनों पे सितम

मुहब्बत अदावत वफ़ा बेरुखी, किराए के घर थे बदलते रहे ....बशीर बद्र के ये अशार इन दिनों मध्य प्रदेश की सियासत में नुमाया हो रहे हैं । सियासी माहौल जैसे जैसे गरमा रहा है इसकी आंच में रिश्ते भी तप रहे हैं ,कुछ दिनों पहले तक सब ठीक-ठाक था .. पूर्व मुख्या-मंत्री दिग्गी राजा कांग्रेस में और उनके छोटे भैया लक्ष्मन सिंह भाजपा के साथ होकर भी आपस में कम ही उलझते थे ...लेकिन जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं निष्ठाएं बदल रही हैं ..दोनों अब एक दुसरे के आमने सामने आ गए हैं पिछले दिनों गुना में लक्ष्मन ने दिग्गी पर आरोप जादा था की वो सोनिया को कमज़ोर कर रहे हैं और अब दिग्गी भी छोटे भैया के खिलाफ बराबर जोर लगा रहे हैं ।

दरसल भाइयों के बीच इस गृह युद्ध की शुरुआत लक्ष्मन ने ही की थी जब उन्होंने गुना में ये कह कर सनसनी फैला दी थी की दिग्विजय न सिर्फ सोनिया को कमज़ोर करना चाहते हैं बल्कि मनमोहन तक को अक्षम प्रधान मंत्री मानते हैं और उनके अधीन काम करने में तौहीन समझते हैं . अब बड़े भैय्या दिग्विजय ने ख़त लिख कर छोटे भाई को सलाह दी है की वे कांग्रेस और मनमोहन की चिंता करना छोड़ दें .

लक्ष्मन सिंह राजगढ़ से भाजपा के उम्मीदवार हैं ....और उनके ताजा बयान से राजगढ़ और गुना में खलबली मची हुई है । दरअसल इसी राजगढ़ के लिए लक्ष्मन ने ये बयान देकर कभी खूब तालियाँ बटोरी थी यहाँ से दादा के खिलाफ नहीं उतरूंगा॥अब लक्ष्मन के बदले हुए सुर इस बात का संकेत देते हैं की लक्ष्मन भाजपा के शीर्ष नेत्रत्त्व को ये दिखाना चाहते हैं की उनके लिए भाई से ज्यादा महत्व पार्टी का है .....हलाँकि लक्ष्मन इससे पहले तिवारी कांग्रेस के समय अर्जुन सिंह के खिलाफ भी ज़हर उगल चुके हैं ... वहीँ दूसरी तरफ भाई के हमले से बौखलाए दिग्गी भी पलटवार करने में देर नहीं कर रहे .खैर इस जुबानी लड़ाई में जीत चाहें जिसकी हो , एक बात तो फिर साफ़ हो गयी है की सियासत में न कोई अपना है न पराया ।

1 comment:

  1. rajneeti sambhavnao ka khel hai... yahan sameekaran teji ke saath badalte rahte hai... na koi dost ... na koi dushman ....

    aapki yah post achchi lagi sir...

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