कुंद,कुठित और संकीर्ण मानसिकता किसकी है ये तो देश मे होने वाले हादसो से पता चल जाता है...
और रही बात कूऐ के मेढक की तो हम अगर मेढक है तो ऊस कूऐ मे कुछ पनियल सांप भी है...जो आए दिन अपना जहर ऊगलते रहते है...
ईतीहास गवाह है ठेकेदारी प्रथा तो मुल्ला मौलवीयों ने शूरु की है...
कडवाहट का बीज तो 47 मे जिन्ना ने बोया था और ऊस फसल को काटने की तैयारी हम जैसे धर्म प्रेमी बंधु कर रहे है...
मुहब्बत की रस्सी को अक्सर होने वाले हादसे और विस्फोट करने वाले स्वंय काट देते है...ऐसा दोहरा चरित्र रखने लोगो के लिए हमारे दिल मे कोई जगह नही है...
और पिछले लेख में ऐसा जवाब इसलिए दिया गया क्योंकी आपके लेख मे हिंदु धर्म को कमजोर धर्म कहा गया था और यह भी लिखा था कि मुठ्ठी भर लोगो से घबराए हुए हैं.....
ईसका जवाब देना आवश्यक था सो दिया....
मै एक व्यक्तिगत सलाह दुंगा की ऐसी टिप्पणीयां देने से थोडा बचे
मेरे पिछले सारे लेख पढे और बारम्बार पढे......ऊसमे चरित्र चित्रण देखने को मिलेगा....
इस ब्लाग पर मुझे ऐसी चीजे लिखने को विवश न करे
क्योंकि
हंगामा खडा करना मेरा मकसद नही...
मेरी कोशिश है कि सूरत बदलनी चाहिये.....
बहरहाल आप सभी व्यथित और कुंठित लोगो को भगवान राम सदबुद्धी दे......
जय भारत...जय छत्तीसगढ.....नवीन सिंह....
अब नवीन प्लीज बंद करो ये सब.. अगर अपनी पोस्ट खुद हटा सकते हो तो हटा दो.. तुम्हे यदि बुरा लग गया है तो मैं माफी मांग लेता हूं तुमसे.. प्लीज सॉरी.. पोस्ट हटा दो जैसा मैनें किया.. तुम्हारे सारे पोस्ट हद से ज्यादा व्यक्तिगत हैं..
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