मेरा किसी पर निजी आक्षेप का कोई इरादा नहीं है पर अब कोई रास्ता नही बचा है....इसे कृपया निजी आक्षेप ना माने ! मैंने बार बार यह समझाया की केव्स संचार किसी धर्म या राजनीति का अड्डा नही है और कृपा करके इसे किसी एक धर्म का और धार्मिक राजनीति का मंच ना बनाएं ............ हम धर्मनिरपेक्ष है हमें रहने दें !
आपकी व्यक्तिगत राजनैतिक और धार्मिक भावनाओं का हम सम्मान करते हैं पर उसके लिए आप व्यक्तिगत ब्लॉग बना सकते हैं.....यह मंच हिदू या मुस्लिम का नहीं है इंसानियत का !
इससे पहले भी कई बार मुझे आपके लेख संपादित करने पड़े क्यूंकि आपत्तिजनक अंश थे ...... क्षमा करें पर मेरे पास यही एक काम नहीं है ....... यह सामना या पांचजन्य नही है ! जब हम इस तरह के उत्तेजक और कट्टरपंथी लेख लिखते है तो किस हक से अपने को किसी और मज़हब के कट्टरपंथी से बेहतर या अलग कहते हैं ?
हम आतंकवाद के ख़िलाफ़ है ..... इसलिए नहीं की उसे किसी धर्म विशेष के आदमी से जोड़ते हैं बल्कि इसलिए क्यूंकि उसमे हिन्दू और मुसलमान दोनों मरते हैं जो हमारी नज़र में पहले इंसान हैं !
नवीन जी क्या अब आपको पढ़कर नही लगता की आप बजरंग दल के प्रवक्ता हो गए हैं ?
आप से मेरी जो कुछ फ़ोन पर बात हुई उसे सार्वजनिक ना करते हुए बस यह कहूँगा की यह तय हुआ था की इस ब्लॉग पर धार्मिक और राजनीतिक लामबंदी नहीं की जायेगी ...... हम एक अच्छे पत्रकार के तौर पर किसी धार्मिक या राजनैतिक दल के समर्थन के नारे नहीं लगा सकते !
बजरंग दल और सिमी की तुलना वाकई राजनीति है यहाँ मैं सहमत हूँ पर बजरंग दल ने आज तक ऐसा भी कोई देशोद्धार नही कर दिया जिसकी आप बात करते हैं ........ रही बात हथियार बांटने की तो धार्मिक चिन्हों की आड़ में हथियार बांटने की छुपी हुई मंशा क्या है सब जानते हैं ...... उसके लिए तर्क आप भले ही हजारों गढ़ दें
बजरंग दल निश्चित रूप से देशद्रोही संगठन नहीं है पर विद्वेष और हिंसा तो फैलाई ही है ....... इसके लिए मैं उतना ही दोष इस्लामिक कट्टरपंथियों और कठमुल्लों को भी देता हूँ
छोडिये खैर बजरंग दल पर प्रतिबन्ध का समर्थन मैं भी नहीं करता पर उनके सेवा भाव के बहुत उदाहरण देखने को नहीं मिलते
ग्राहम स्टेन्स की हत्या के बारे में क्या कहना है ?
मैंने बार बार कहा की केव्स संचार को किसी धार्मिक और राजनैतिक दल का मंच ना बनाए
मेरे भी कुछ राजनीतिक विचार और आस्थाएं हैं पर उनके लिए मैं इस मंच का इस्तेमाल नही करता
केव्स संचार को पाञ्चजन्य ना बनाएं
निष्पक्ष पत्रकार बने ........ प्रयास करें यह मुश्किल नहीं
आगे से मैं नहीं चाहता की यह स्थिति फिर आए
निष्पक्ष पत्रकार बनें या पत्रकार निष्पक्ष बनें...?
ReplyDeleteफिरदौस खान की ही बात को आगे बढाते हुए कहना चाहूंगा कि पहले हम सभी लोगों को अपने अंदर पत्रकार का गुण लाना होगा..
ReplyDeletepatrakar ban jana ab koi badi baat nahi hai lekin bane rhena bahut badi baat hai
ReplyDeletemuje har roj filed kabro ko dundhte patrakar milte hai .kahi kabar banane wale patrakar milte hai ..lekin such kahu to aaj tak muje koi sahi patrakar nahi laga
sab k sab khalis dukandar mile jinka maksad sirf or siff aaj ka kota pura karna hota hai.......salim routiya khan
पत्रकार बनने के लिय निष्पक्षता कितनी ज़रूरी है यह एक अलहदा मामला है, लेकिन मुझे इतना बताये ये प्रबुद्ध मंच कि आखिर क्यों बजरंग,सिमी,आई.एम.,उल्फा,लिट्टे,अल्क़यदा,हूजी में उलझे हो यार अगर इतना ही ख्याल है देश और धर्म का तो छोड कर नौकरी क्यों नहीं कूद जाते इस समर में क्यों कोरी कलम घिसते हो। हिन्दूवादी कई बार मूर्खता करते हैं जो सीधे तौर पर चिल्लाते हैं वेचारे सीधे साधे जो हैं इतिहास जो नहीं गुंडाशाही का बाक़ी लोग अनुभवी हैं जो आग नहीं उगलते बल्कि आग बो देते हैं। मयंक जी गरम रहने दो कुछ नहीं होगा आप क्यों इतने परेशान हो इस देश में कभी हिन्दू उग्र नहीं हुए। आप ऐंसी सुरक्षा दीवार तैयार कर रहे हैं जिसकी ज़रूरत ही नहीं खैर कीजिये आप मेरी नज़रों में तो बहुत बुद्धिमान हैं।
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