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Tuesday, October 7, 2008

मुझे मरने दो

मेरा भी मानना है की रोटी की कीमत पर धर्म परिवर्तन नही होना चाहिए .कम से कम भूख से मर कर वो गरीब जब अपने भगवान् से मिलेगा तो,उससे ये सवाल करेगा की भगवान् तुने मुझे गरीब क्यों पैदा किया और अगर गरीब पैदा कर भी दिया तो ऐसे धर्म मे क्यों भेजा जिसमे अमीर हमें तेरे मन्दिर मे जाने नही देते तेरी अराधना नही करने देते,ये ख़ुद तो हमारी फरियाद सुनते नही और तुझे सुनाने नही देते, भगवान् तो एक है बस उसके रूप अलग है , नाम अलग है,फिर वो गाड हो ,खुदा हो या भगवान् .हे भगवान् ये कितना कमज़ोर धर्म है जो कुछ लोगों के धर्म परिवर्तन से प्रभावित हो रहा है,इस धर्म के ठेकेदार कितने डरपोक है जो मुठ्ठी भर मिशानारीस से घबराए हुए है.क्या ये हमें मारने की अपेछा रोटी नही देसकते थे हमारे बच्चो को शिक्षा नही उपलब्ध करवा सकते थे। हमें गले लगते तो हम इनसे दूर क्यों जाते। क्या इनसे हमारी हालत नही देखी जाती और अगर वो ये देख सकते है तो इन सवालों पर चुप क्यों है.

2 comments:

  1. bhai tanzir jan kr kafi khusi hui ki aap yesi soch rkhte hai ......hamari dua hai ki aap ek nek dil insan banege ...banege kya aap to hai...hr dil ajij tanzir bhai..........

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  2. बहुत शानदार ............ पर दोस्त याद रखना कुछ लोगों को सच अच्छा नही लगता !

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