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Monday, October 13, 2008

बजरंगीयो पर राजनीती....

अपने 25 वर्ष की यात्रा मे बजरंग दल पर कई सवाल ऊठते रहे है....
84 मे भाजपा के विनय कटियार के नेत्रत्व मे राम जानकी रथ की सुरक्षा के लिए बजरंग दल का निर्माण हुआ.... किसी धर्म का विरोध और किसी को मारने के लिए नही हुआ था....

बजरंग दल,शिव सेना,वीहिप,आरएसएस को शुरु से ही काँग्रेस और अन्य पार्टियो ने गलत ढंग से पेश किया... इनके विरोध का कारण केवल एक ही है कि य़े सारे ही दल भगवा रंग से रंगे हुए है.....
इनके नामो से विशुद्ध हिन्दु होने का पता चलता है.....हमारे धार्मिक चिन्हो का प्रयोग करते है....

03 मे अजमेर मे प्रवीण तोगडीया ने एक सभा मे कायर्कताओ को त्रिशूल बाट दिया....तो ऊन्हे गिरफ्तार कर लिया... अरे ये हमारे देवी देवताओ के यशस्वी अस्त्र शस्त्र है....
और भगवा रंग के वस्त्रो से श्रद्धा भाव,एकाग्रता और सेवा भाव बढता है.... अल्पसंख्यक राजनीति पर टिकी कांग्रेस इन संगठनो को आरोपित करती रहती है...

बजरंग दल और वी एच पी ने कभी राजनीती नही की और न करेगी....
इनका ऊद्देश्य तो केवल इतना है कि हिन्दुजनाभावानाओ और हिन्दुओ का सम्मान मिलता रहे....
कांग्रेस इसको समझ नही पा रही है और आतंकवाद के प्रती अपनी हार को छुपाने के लिए और हिंदुत्व विरोधी एवं तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए ऐसा कर रही है....

श्रीराम सेतु....अमरनाथ मुद्दे इसका बडा ऊदाहरण है....
बजरंग दल और सिमी मे तुलना हो ही नही सकती....सिमी एक विशुद्ध आतंकवादी संगठन है.....और जो भी बजरंग दल पर आरोप लगा रहे है...वह इसका खामियाजा होने वाले चुनावो मे भुगतेंगे....
और भविष्य मे कभी बजरंग दल पर आतंकवादी होने पर देश मे प्रतिबंध लगता है.... तो ये निशचित रूप से अन्डरग्राऊंड मूवमेंट चलाएंगे..... ऊस वक्त ये देश के लिए और भी खतरनाक होगा....
इसकी जिम्मेदार कांग्रेस, और सिमी का समर्थन करने वाले, और बजरंगीयो का विरोध करने वाले होंगे....
जय भारत.....नवीन सिंह....

7 comments:

  1. बहुत ही सही लिखा है, आज इस देश में राजनेताओं ने हिन्‍दुओ को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया है।

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  2. मुसलमानों और ईसाईयों की पार्टी कांग्रेस से और क्या उम्मीद कर सकते हैं?

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  3. jin aadharon par bajrang dal par pratibandh lagane ki baat chal rahi hai unhi aadharon par har parti par pratibandh lagaya ja sakta hai.

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  4. आज नवीन की भाष में एक सचाई है जोश है और साथ ही दर्द भी है इससे लगा कि अब सार्थक बहस होगी बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का माद्दा इस सरकार तो क्या किसी सत्ता,शक्ति के बस का काम नहीं ये महज एक हुडदंगियों का गुट नहीं बल्कि विशुद्ध रूप से राष्ट्रवादी संगठन है। हाँ इस उत्साह में कइयों बार बजरंगियों ने कुछ ऐंसा भी किया है जो कुछ लोगों की नज़र में ग़लत है पर क्या उपद्रवी बच्चों को जान से मार दिया जाता है, तब साफ तौर से बजरंगदल पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता इस बात का जो भी भारतीय हैं उन्हे समर्थन भी करना चाहिये। अच्छा है नवीन अच्छे शब्दों में ज़हर उगलने का तरीका चुन कर एक दम ठीक किया है। लगे रहो जयहिन्द।।।।।।

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  5. बजरंग दल की चौबीस बर्षों की सफलता ही उन लोगों के मुंह पर करारा चाटा है.. जो अपना राजनीतिक हित साधने के लिए इसकी तुलना सिमी से करते है.. जबकि वो खुद जानते हैं कि सिमी एक आंतकवादी संगठन है.. और बजरंग दल राष्ट्रवादी संगठन है..

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  6. यह सब दुर्भाग्य पूर्ण है की देश के भावी पत्रकार इस प्रकार की बातें कर रहे हैं

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