हमने नेता जी से कहा ,
आज तो पन्द्रह अगस्त है
वे बोले तभी तो हम मस्त है
हमने कहा आज क्या कार्यक्रम है
वे बोले गरमा गरम है
सुबह झंडा फहराने जाना है
उसके बाद प्रभात फेरी मैं जाना है
फिर दोपहर मैं नॉन वेजिटेरियन लंच भी निपटाना है
हमने कहा उसके बाद कहीं
वे बोले कुछ ख़ास नही
हाँ आज हमने पूरा दिन देश की याद
मैं बिताने की कसम खायी है
शाम को अंग्रेजी की जगह देशी मंगवाई है
शौक रखते हो तो आईयेगा
मैंने कहा वाह नेता जी तुमने यहाँ
भी हमे बना दिया
जब तक अच्छी वाली मंगवाई तब तक
पूछा भी नही
और देसी मंगवाई तो दावत पर बुलवा लिया
नेता जी तुम जियो बरसो बरस जियो
तुमने देश भी अकेले पिया है
देसी भी अकेले पियो
जब तक अच्छी वाली मंगवाई तब तक
ReplyDeleteपूछा भी नही
और देसी मंगवाई तो दावत पर बुलवा लिया
नेता जी तुम जियो बरसो बरस जियो
तुमने देश भी अकेले पिया है
देसी भी अकेले पियो
बहुत अच्छा।
बहुत उम्दा, क्या बात है!
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